किसी व्यक्ति से मिलना हो तो मिलने का ढ़ंग अवश्य जान
लेना चाहिए। दूसरों से किस प्रकार बात करनी है और कैसा
व्यवहार करना है - यह समझना बहुत जरूरी है। व्यवहार
कुशलता एक अनिवार्य सद्गुण है। दम्भी, हठी, आत्ममन्य
व्यक्ति कभी भी अच्छे स्वभाव का उपार्जन नहीं कर सकता।
(स्वामी शिवानन्द )
1 comment:
सत्य वचन!!
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