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सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने बुधवार को यहां बताया कि घरवाले अब इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस की शरण में जा रहे हैं जहां उनकी ओर से सूरज सिंह वकील होंगे। परिवार का दावा है कि सरबजीत को किसी और के नाम पर सजा दी जा रही है।
सरबजीत सिंह को 1990 में लाहौर और मुल्तान में हुए विस्फोटों की साजिश में शामिल होने का दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई है। उसे पिछले साल एक अप्रैल को फांसी दी जानी थी, लेकिन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के हस्तक्षेप के बाद उसके अमल पर रोक लगी हुई है।
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