हाल ही में हाईकोर्ट ने निर्णय दिया कि हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है। कई बार भड़ासी इस तरह के निर्णयों से सहमत नहीं होते हैं लेकिन इस बार पूरी तरह से हमें ये तथ्य मान्य है कि हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है। जरा विचार करिये कि किसी भी सभ्य देश में विधि की जो भाषा है वही राष्ट्रभाषा होगी क्योंकि शासन तो विधि का ही है(Rule of law)। हमारे देश का तो अभी तक नाम भी स्पष्ट नहीं है कि ये भारत है, हिन्दुस्तान(ठाकरे के अनुसार हिंदुस्थान) है या फिर इंडिया??? हमारे देश में विधि का शासन है और हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की सारी कार्यवाही अंग्रेजी में ही होती है यानि कि अंग्रेजी ही हमारे देश(जिसका निर्धारित नाम तक नहीं है) की राष्ट्रभाषा है। बड़ी प्रसन्नता हुई ये जान कर कि इस तरह से धीरे धीरे हमारी सरकारें साफ़ करती जा रही हैं कि हम किसी भ्रम में न रहें हम अभी भी गुलाम हैं और ये देश अभी भी गोरे टोडी बच्चों का एक वैचारिक उपनिवेश है जिसे हमारी सरकारें शिक्षा के माध्यम से बड़ी ही कुटिलता से चला रही हैं।
जय जय भड़ास
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