सूत्रों ने बताया कि रावलपिंडी में जज मलिक मोहम्मद अकरम अवान की अदालत में सरकारी अभियोजकों के दल ने आरोपियों के खिलाफ सुबूत पेश किए ।
आरोपियों के वकील शहबाज राजपूत ने कहा कि सुबूत पेश किए जाने के बाद जज ने मामले को 13 फरवरी तक स्थगित कर दिया। 23 जनवरी को सुनवाई हुई थी जिसका बचाव पक्ष के वकीलों ने बहिष्कार किया था। वकीलों का आरोप है कि लाहौर हाईकोर्ट के आदेश के अनुरप, रावलपिंडी की अडाला जेल में बंद उनके मुवक्किलों से मुलाकात की व्यवस्था और उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने में अधिकारी विफल रहे। सुरक्षा कारणों से जज अवान अडाला जेल में ही मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
लखवी के अलावा अन्य आरोपियों, जरार शाह, अबू अल-कामा, हमाद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनुस अंजुम को भी अडाला जेल में रखा गया है।
लाहौर उच्च न्यायालय की रावलपिंडी आधारित एक खंडपीठ ने इस सप्ताह लखवी की इस मामले में बरी किए जाने संबंधी याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। लखवी ने आतंकवाद निरोधक अदालत में बरी किए जाने की याचिका दायर की थी, जिसे उसने खारिज कर दिया था। इसे चुनौती देते हुए लखवी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। लखवी ने अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए इस मामले को रावलपिंडी से लाहौर स्थानांतरित करने की भी मांग की थी, जिसे भी खारिज कर दिया गया था।
आरोपियों के वकील शहबाज राजपूत ने कहा कि सुबूत पेश किए जाने के बाद जज ने मामले को 13 फरवरी तक स्थगित कर दिया। 23 जनवरी को सुनवाई हुई थी जिसका बचाव पक्ष के वकीलों ने बहिष्कार किया था। वकीलों का आरोप है कि लाहौर हाईकोर्ट के आदेश के अनुरप, रावलपिंडी की अडाला जेल में बंद उनके मुवक्किलों से मुलाकात की व्यवस्था और उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने में अधिकारी विफल रहे। सुरक्षा कारणों से जज अवान अडाला जेल में ही मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
लखवी के अलावा अन्य आरोपियों, जरार शाह, अबू अल-कामा, हमाद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनुस अंजुम को भी अडाला जेल में रखा गया है।
लाहौर उच्च न्यायालय की रावलपिंडी आधारित एक खंडपीठ ने इस सप्ताह लखवी की इस मामले में बरी किए जाने संबंधी याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। लखवी ने आतंकवाद निरोधक अदालत में बरी किए जाने की याचिका दायर की थी, जिसे उसने खारिज कर दिया था। इसे चुनौती देते हुए लखवी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। लखवी ने अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए इस मामले को रावलपिंडी से लाहौर स्थानांतरित करने की भी मांग की थी, जिसे भी खारिज कर दिया गया था।
No comments:
Post a Comment