महाराष्ट्र का भाषा विवाद और आगे बढ़ा !!

महाराष्ट्र में भाषा विवाद को और आगे बढ़ाते हुए राज ठाकरे ने सोमवार को हिंदी भाषी राज्यों बिहार और उत्तर प्रदेश के टैक्सी चालकों से कहा कि वे 40 दिनों के भीतर मराठी बोलना सीख लें या फिर अपने घरों को लौट जाएं। अपने मराठी मानूस के एजेंडे के तहत मनसे की परिवहन शाखा के सदस्य सोमवार को सड़कों पर उतरे और उन्होंने कुर्ला में मराठी वर्णमाला की पुस्तकें टैक्सी चालकों में वितरित कीं और उनसे शीघ्र मराठी सीख लेने को कहा।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की वाहतुक सेना के अध्यक्ष हाजी अराफात शेख ने कहा कि हमने कुर्ला में 300 उत्तर भारतीय टैक्सी चालकों को मराठी वर्णमाला की पुस्तकें वितरित कीं और उनसे 40 दिनों के भीतर मराठी सीख लेने को कहा। संगठन की उन टैक्सी और आटो चालकों में 50 हजार मराठी पुस्तकें वितरित करने की योजना है जो मराठी नहीं बोल सकते।

शेख ने कहा कि यह बेहद स्तब्ध करने वाली बात है कि लोग यहां 15 साल से अधिक समय से रोजी रोटी कमा रहे हैं लेकिन मराठी बोल नहीं सकते। उन्हें निश्चित तौर पर भाषा सीखनी चाहिए अन्यथा उत्तर प्रदेश और बिहार लौटने का टिकट बुक करा लेना चाहिए।

मनसे कार्यकर्ताओं ने शहर में होर्डिंग भी लगाई हैं जिसमें उत्तर भारतीय चालकों से कहा गया है कि वे राज्य की भाषा सीख लें। ऐसा उन खबरों के बीच किया गया है जिसमें कुछ चालकों से शपथ लेकर यह कहने को कहा गया कि वे मराठी यथाशीघ्र सीख लेंगे। शेख ने मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के टैक्सी चालकों के लिए मराठी ज्ञान को अनिवार्य बनाने पर यू टर्न लेने की आलोचना भी की।

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