सहस्त्राब्दी का सबसे लम्बी अवधि का सूर्यग्रहण !!

पंद्रह जनवरी यानी अमावस्या के दिन लगने वाले कंकणाकृति खंडग्रास सूर्यग्रहण सहस्राब्दि (आगामी एक हजार साल) का सबसे लंबी अवधि का सूर्यग्रहण होगा। इसकी अवधि तीन घंटे 38 मिनट होगी। उधर, खगोलविदों के मुताबिक देश में इस दशक में कोई सूर्यग्रहण नहीं दिखाई देगा। पिछली जुलाई में सदी की सबसे लंबी अवधि का खग्रास सूर्यग्रहण था।


कंकणाकृति ग्रहण दक्षिण भारत के केरल व तमिलनाडु के कई हिस्सों वेराकुलम, रामेश्वरम, तिरुवनंतपुरम में साफ दिखाई देगा। उधर देश के 99 फीसदी हिस्सों में खंडग्रास दिखाई देगा। इसके अलावा मध्य अफ्रीका, हिंद महासागर, पूर्वी एशिया में ग्रहण कंकणाकृति होगा जबकि पूर्वी यूरोप, अफ्रीका के अधिकतर हिस्सों, एशिया व इंडोनेशिया में खंडग्रास सूर्यग्रहण लगेगा।


खगोलविद दिव्य दर्शन पुरोहित के मुताबिक, पृथ्वी के घूमने की वजह से एक साथ लगने वाले खग्रास व कंकणाकृति ग्रहण को ‘हाइब्रिड’ ग्रहण के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा ग्रहण 2005 में देखने को मिला था और अगला 2013 में लगेगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा।

शुरुआत: सुबह 11 बजकर 26 मिनट पर ।
सर्वाधिक ढंका रहेगा: दोपहर एक बजकर 22 मिनट और 59 सेकंड के दौरान।
समापन: दोपहर तीन बजकर चार मिनट पर।
(कुल अवधि तीन घंटा 38 मिनट)

3 comments:

डॉ. मनोज मिश्र said...

dhnyavaad,achhee jaankaaree.

Udan Tashtari said...

आभार जानकारी का!!

रंजना [रंजू भाटिया] said...

शुक्रिया इस जानकारी के लिए

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