मराठी...मराठी...मराठी.... सोते जागते उठते बैठते हगते मूतते बस मराठी ही इस्तेमाल करी जाए अगर महाराष्ट्र में रहना है तो वरना अबू आज़मी की तरह पब्लिकली धो दिया जाएगा....... क्या आपको याद नहीं आ रहा है कि ये वचन किसके लिये हैं तो प्रभु हम ही याद दिला देते हैं ... राज ठाकरे जी महाराज। आदरणीय राष्ट्रदामाद जीजाजी श्री अजमल कसाब जी ने मराठी सीख लिया है और आजकल जस्टिस टहलियानी जी को मराठी में टहला रहे हैं। कितनी खुशी होती होगी राज ठाकरे जी महाराज को कि ये कल आए और मराठी के प्रति आदर भी उत्पंन हो गया और सीख भी गये लेकिन ये साला समाजवादी नेता कितना असामाजिक है कि मराठी सीखने का नाम ही नहीं ले रहा है।
जरा मोगैम्बो अंकल स्टाइल में इस बात को दोहराइये राज ठाकरे खुश हुआ.......
जय जय भड़ास
5 comments:
nice
भाई सुमन जी को अमेरिकी साम्राज्यवाद में दोष दिखते हैं सही है लेकिन भारतीय सामंतवाद में कोई दोष नहीं दिखा। राजठाकरे को यदि आप जज होंगे तो क्या सजा देंगे। वो मानेगा ही नहीं आपके पिछवाड़े सौ जूते और पड़वा देगा सारा कानून धरा रह जाएगा। कानून उनके लिये है जो उसे मानते हैं जो डंडा कर देते हैं उनके लिये खेल है चाहे वह कोई भी हो।
डर कर लोक संघर्ष का पुरोधा बनना सही है? साफ़ लिखिये अपने मित्रों से लिखवाइये
जय जय भड़ास
उसको टेक्सी ड्राइवर बनना हिअ इसलिए मराठी सीखी है. दामाद का इतना फेवर तो वहाँ की सरकार कर ही सकती है.
अजमल कसाब कि तरह राष्ट्र आतंकी भी महाराष्ट्र सरकार का सम्मानित दामाद है, कितना भी आतंक फैलाव, मजहबी और वैमनस्यता का बीज बोवो और पुरे देश में वैमनस्यता फैला रहा है, स्थानीय शाशन उसे जेल की बजाय सुरक्षा दे रही है.
लानत है ऐसे सरकार और न्यायपालिका की.
जय जय भड़ास
@हरभूषण
अरे भाई आप वकील साहब के पीछे क्यों पड़ गये? डरने वाला या अपनी कमजोरी को स्वीकार लेने वाला भी तो इस देश का नागरिक है न? क्या चुप रहने का अधिकार नहीं है, नो कमेंट्स कहने का तो हक है भाई.... क्यों जबरन कुछ कहलवाना चाहते हैं खामखां कुछ परेशानी पैदा करवा दोगे, हर आदमी जज आनंद सिंह नहीं होता
जय जय भड़ास
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