मराठी...मराठी...मराठी.... सोते जागते उठते बैठते हगते मूतते बस मराठी ही इस्तेमाल करी जाए अगर महाराष्ट्र में रहना है तो वरना अबू आज़मी की तरह पब्लिकली धो दिया जाएगा....... क्या आपको याद नहीं आ रहा है कि ये वचन किसके लिये हैं तो प्रभु हम ही याद दिला देते हैं ... राज ठाकरे जी महाराज। आदरणीय राष्ट्रदामाद जीजाजी श्री अजमल कसाब जी ने मराठी सीख लिया है और आजकल जस्टिस टहलियानी जी को मराठी में टहला रहे हैं। कितनी खुशी होती होगी राज ठाकरे जी महाराज को कि ये कल आए और मराठी के प्रति आदर भी उत्पंन हो गया और सीख भी गये लेकिन ये साला समाजवादी नेता कितना असामाजिक है कि मराठी सीखने का नाम ही नहीं ले रहा है।
जरा मोगैम्बो अंकल स्टाइल में इस बात को दोहराइये राज ठाकरे खुश हुआ.......
जय जय भड़ास
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