कसाव फिर मुंबई हमले की साजिश में शामिल होने से मुकरा !!

मुंबई हमले में अपनी भूमिका को स्वीकार करके चौंकाने के छह महीने बाद पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब ने शुक्रवार को कहा कि उसने पुलिस के दबाव में आकर गत जुलाई में गुनाह कबूला था।
यह पहला मौका नहीं है जब कसाब अपने बयान से पलटा है। इससे पहले उसने 26 नवंबर के हमले की साजिश में शामिल होने तथा अपनी भूमिका के बारे में मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए इकबालिया बयान को खारिज कर दिया था। तीन दिन पहले उसने दावा किया था कि ताज होटल पर हमला करने वाले चार आतंकवादी भारतीय थे।
गत वर्ष 20 जुलाई को कसाब ने मुंबई हमले के संबंध में जो अपना गुनाह कबूला था उससे वह पलट गया। इसमें उसने पाकिस्तान में लश्कर के शिविर में हिस्सा लेने, कराची से समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचने और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और कामा अस्पताल में गोलीबारी करने और गिरगांव चौपाटी पर पुलिसकर्मियों के साथ मुठभेड़ होने की बात कबूल की थी।
अभियोजन पक्ष द्वारा कसाब के खिलाफ जुटाए गए साक्ष्य की पुष्टि के लिए जब न्यायाधीश एमएल टहलियानी ने उससे सवाल पूछा तो कसाब ने कहा कि हां, मैंने अदालत में यह सबकुछ कहा था लेकिन यह सब पुलिस के दबाव में कहा था। जैसे ही न्यायाधीश ने कसाब द्वारा गुनाह कबूलने के बारे में उससे सवाल पूछना शुरू किया कि उसने शिकायत की कि उसके वकील केपी पवार उसकी मदद नहीं कर रहे हैं।
हालांकि, इस पर न्यायाधीश ने कसाब को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उन्होंने गुरुवार को उससे अपने वकील से बात करने को कहा था लेकिन तब उसने इंकार कर दिया था और अब वह इसे मुद्दा बना रहा है।
कसाब द्वारा अपने वकील की शिकायत करने पर न्यायाधीश ने कहा कि आपको पवार से बातचीत करने का एक मौका दिया गया था। मैंने आपको यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वह आपके वकील हैं और आपको उनसे बातचीत करनी चाहिए लेकिन आपने कहा कि आप उनसे बातचीत नहीं करना चाहते हैं। यह आपकी पसंद थी। अब आप इसे मुद्दा बना रहे हैं।
कसाब ने अपने गुनाह के कबूलनामे के उस हिस्से का भी खंडन किया जिसमें उसने इस बात का उल्लेख किया था कि उसने लश्कर के आतंकवादी फदुल्लाह और मुफ्ती सैयद से पाकिस्तान के मुरीदके में हथगोला चलाने, एके-47 राइफल और अन्य अत्याधुनिक हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण हासिल किया था।
कसाब ने कहा कि अपने अपराध के कबूलनामे के तहत अदालत में नौ आतंकवादियों के नाम का खुलासा पुलिस दबाव में किया था। उसने मराठी में न्यायाधीश टहलियानी से कहा कि सर्व खोटे आहे (सबकुछ झूठा है।)
पाकिस्तानी आतंकवादी ने इस बात से इंकार किया कि वह अल हुसैनी नौका में सवार होकर अन्य आतंकवादियों के साथ कराची से मुंबई पहुंचा था। उसने अभियोजन पक्ष के उन आरोपों का भी खंडन किया कि मुंबई के रास्ते में उन्होंने कुबेर जहाज का अपहरण कर लिया था और नाविक को मार डाला था। कसाब ने दावा किया कि उसने और उसके साथी अबु इस्माइल ने 26 नवंबर, 2008 को सीएसटी पर गोली नहीं चलाई थी और अपराध के कबूलनामे में जो कुछ भी उसने कहा था वह झूठा और दबाव में दिया गया था।

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