दोहे और उक्तियाँ !!






कामुक विचार, घृणा की भावना, द्वेष और स्वार्थ के विचार


मन में विकारों का रूप धारण कर लेते हैं, जिनके कारण


बुद्धि और समझ में विकार आ जाता है, स्मरण शक्ति का


ह्रास होने लगता है और मन में भ्रम उत्पन्न हो  जाता है।



 (स्वामी शिवानन्द )




No comments:

Post a Comment