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चारों तरफ से बन रहे दबाव को देखते हुए अब गृहमंत्रालय बेहद सख्त बरतने का मूड बना रहा है। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इतनी बड़ी लापरवाही बरतने के मामले में इन पुलिसकर्मियों पर एफआईआई भी दर्ज हो सकती है।
गृह मंत्रालय ने शहीद करकरे की जैकेट कूड़े के ढ़ेर में मिलने के बाद आज इन पुलिकर्मियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस द्वारा बरती गई लापरवाही को देखते हुए मंत्रालय ने नोटिस भेजा है।
इसके पहले कुछ दिन पहले एक न्यूज चैनल ने एक वीडियो फुटेज प्रसारित किया था जिसमें जेजे हॉस्पिटल में सफाईकर्मचारी दिनेश लालजी गट्टर को यह कहते हुए दिखाया गया कि उसे क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने 50 हजार रुपए का लालच देकर करकरे के जैकेट को कचरे में फेंकने के लिए कहा था। वीडियो फुटेज में गट्टर ने बताया कि क्राइम ब्रांच का एक अधिकारी उसे अपने साथ ऑफिस ले गया और उसे करकरे का जैकेट कहीं पर छिपाने या फिर बेचने के लिए कहा।
चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी गट्टर ऑफीसर पर आरोप लगाया कि ऑफिसर उसे जबरदस्ती जैकेट को लेकर परेशान कर रहा है। वीडियो में ऑफीसर ने दबाव बनाते हुए गट्टर से कहा कि जैकेट जहां कही भी हो लाकर वापस कर दे। अगर वह ऐसा करता है तो उसे पैसा दिया जाएगा। ऑफीसर ने तो यहां तक कहा कि अगर उसने जैकेट किसी को बेच भी दिया तो वह उन्हें सच-सच बता दे। इसके लिए उसे 50 हजार दिए जाएंगे।
गट्टर जो कि 27 नवंबर को सुबह 6 बजे हॉस्पिटल में ड्यूटी कर रहा था, ने बताया कि उसने कोई भी जैकेट कूड़ेदान में नहीं डाला। उसने जैकेट को वार्ड नंबर चार में एक थैले में भरकर रख दिया था। इसके अलावा वह जैकेटे के बारे में कुछ भी नहीं जानता।
उसने बताया कि जब वह वार्ड नंबर चार की साफ-सफाई कर रहा था तो उस समय खून से लथपथ एक जैकेट वहां पर मिला जो काफी भारी था। उसने जैकेट को एक काले थैले में भरकर उसे वार्ड के कोने में रख दिया था। इसके बाद उसने रुम से निकले सारे कचड़े को फेंका लेकिन जैकेट को वह वहीं कोने में छोड़ दिया था क्योंकि जैकेट बहुत भारी था। उसने बताया कि इसके बाद क्या हुआ उसे कुछ नहीं मालूम। इसके अगले दिन (28 नवंबर) को उसका वीकली ऑफ था।
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