ओएनजीसी ने रण के पास स्थित संरक्षित नारायण सरोवर अभयारण्य इलाके में खुदाई का प्रस्ताव किया है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का दावा है कि यहां केजी बेसिन के बाद देश के सबसे बड़े तेल व गैस के भंडार हैं। लेकिन, राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है। पिछले साल अक्तूबर में इलाके का दौरा कर चुके बोर्ड के सदस्य दिव्यभानुषि चावड़ा ने ओएनजीसी का प्रस्ताव यह कहते हुए ठुकरा दिया कि खुदाई से अभयारण्य के पशु-पक्षी सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
यदि तेल मिला तो ठीक, वरना पूरा ईको सिस्टम प्रभावित हो सकता है। अभयारण्य के जानवरों में सबसे ज्यादा चिंकारा प्रभावित होंगे। अगर ओएनजीसी को कच्छ के रण में तेल मिल जाता है तो भी वहां आगे की खुदाई की अनुमति देने से पहले यह तय किया जाएगा कि हमें तेल के कुएं चाहिए या फिर पर्यावरण।
1 comment:
आज ही इस बाबत अखबारों में पढ़ा है ..... बढ़िया जानकारी दी है ....
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