साल का सबसे बड़ा भूकंप, कैरेबिया में !!

200 साल के सबसे भयंकर भूकंप में कैरेबियाई देश हैती में हजारों लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। कल सुबह 4 बजकर 53 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर सात मापी गई है। भूकंप में हैती का राष्ट्रपति भवन भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।


संयुक्त राष्ट्र के पीसकीपर का हेड क्वार्टर, नेशनल पैलेस(राष्ट्रपति भवन ), एक अस्पताल और कुछ महत्वपूर्ण बिल्डिंग इस भूकंप में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं। भूकंप के बाद हैती, क्यूबा, बहामास और डोमिनिकन रिपब्लिक में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई।


भूकंप का केंद्र हैती की राजधानी पोर्ट-आउ-प्रिंस से 15 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में था। भूकंप के तत्काल बाद 5.9 और 5.5 तीव्रता वाले दो और झटके महसूस किए गए। अमेरिका में हैती के राजदूत रेमंड एलिसाइड ने बताया कि भूकंप से भारी तबाही हुई है। उन्होंने कहा कि भूकंप के दौरान वह अपने घर लौट रहे थे। राजदूत ने कहा कि वाहन से उतरने के बाद उन्होंने देखा कि सड़क दोनों ओर मकान हिल रहे थे और जब एक पुल पर चढ़े तो वह भी बहुत तेजी से हिल रहा था।


जबरदस्त भूकंप से राजधानी पोर्ट-आउ-प्रिंस की कई इमारते ध्वस्त हो गई हैं और कई स्थानीय निवासी उसके नीचे दब गये हैं। अमरीकी भूगर्भ सर्वे विभाग के मुताबिक कल आये इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर सात मापी गई है। इस भूकंप का केंद्र राजधानी से मात्न 16 किलोमीटर दूर तथा जमीन से केवल 10 किलोमीटर नीचे था। इस भीषण भूकंप से भारी संख्या में इमारते ढह गई गई हैं जिससे कई लोगों की मौत हो गई है। मलबे की वजह से सडको पर आवागमन रूक गया है ।


प्रशांत महासागर के सूनामी चेतावनी केंद्र ने कई कैरेबियाई इलाको में सूनामी की चेतावनी जारी की है। स्थानीय रायटर संवाददाता ने बताया कि भूकंप की वजह से सब कुछ हिलने लगा। लोग इधर उधर भागने लगे तथा इमारतें गिरने लगी। इससे पूरे इलाके में अफरा तफरी मच गई। उन्होंने कहा॥मैंने मलबे के नीचे कई लोगों को दबे हुये देखा है । इसमे से कई लोग मर चुके हैं ।

एक अमरीकी दानदाता संगठन में काम करने वाले स्थानीय निवासी ने बताया कि पोर्ट-आउ-प्रिंस में एक पांच मंजिला इमारत धरासाई हो गई। भूकंप से लोगो में भय व्याप्त हो है और वे मलबे से लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं। ज्ञातव्य है कि रिक्टर पैमाने पर सात या उससे अधिक की तीव्रता वाला भूंकप काफी विनाशकारी माना जाता है ।

दुनिया के निर्धनतम देशों में शुमार किये जाने वाले हैती की राजधानी में मंगलवार रात आये भीषण भूकंप से हजारों मकानों के क्षतिग्रस्त होने और उनके मलबे में सैकडों लोगों के जिंदा दफन होने की आशंका जतायी गयी है। रिक्टर पैमाने पर 7 की तीव्रता वाले इस भूकंप ने राजधानी और उसके नजदीकी इलाकों को हिलाकर रख दिया। मकानों के गिरने से शहर के कई इलाके मलबे में तबदील हो गये और भयभीत लोग जान बचाने की खातिर सडकों पर निकल पडे ।

धूल और गुबार से भरी सडकों पर बेतहाशा भाग रहे लोग मदद की आस में चीख पुकार मचा रहे थे। लेकिन खुद प्रशासन भी इस प्राकृतिक प्रकोप से बच नहीं पाया था। यहां तक कि हैती के राष्ट्रपति का सरकारी निवास भी इस भूकंप की भेंट चढ गया है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र और अमरीका ने दुख और विपदा की इस घडी में हैती की ओर मदद का हाथ बढाने का ऐलान किया है ।

अमरीकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेन्सी .यू एस ए आई डी. भी हैती में आपदा राहत दल भेज रहा है. यू एस ए आई डी ने घोषणा की है कि वह हैती में 72 लोगों का दल. छह खोजी कुत्तों और 48 टन की राहत सामग्री भेजेगा. इस दल में आपदा राहत विशेषग्य होगें जो हैती में स्थिति पर नजर रखेंगे और लोगों को मदद पहुंचायेंगे ।

हैली की राजधानी पोर्ट-आउ-प्रिंस में आये विनाशकारी भूकंप से संयुक्त राष्ट्र का स्थानीय कार्यालय बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और उसके बहुत से कर्मचारी भी लापता हैं. न्यूयार्क में जारी एक बयान में संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव शांति अभियान. एलाइल ली राय ने कहा कि पोर्ट-आउ-प्रिंस स्थित संयुक्त राष्ट्र मिशन का मुख्यालय इस भूकंप से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. इस मिशन में कार्यरत कई कर्मचारी लापता हैं ।

उन्होंने बताया कि हैती में मौजूद अधिकारी भूकंप के प्रभाव के बारे में जानकारियां इकट्ठा कर रहे हैं। इस भूकंप में कई महत्वपूर्ण इमारतें मलबे में तब्दील हो गई और शहर में विद्युत आपूíत ठप्प हो गई है। गौरतलब है कि कई सालों से आंतरिक हिंसा के शिकार हैती में कानून व्यवस्था बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने कुल नौ हजार जवान तैनात किये हैं ।

गैर सरकारी संगठन 'सेव द चिल्ड्रेन' से जुड़े इयान रोजर्स ने भूकंप के कुछ देर बाद बताया, "रात का समय है। लोग फंसे हुए हैं। यहां लोग बहुत बड़ी समस्या से घिर गए हैं।" हैती की आबादी लगभग 90 लाख है। यहां लंबे समय से राजनीतिक संकट भी रहा है। भूकंप की खबर मिलते ही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मदद की पेशकश की। 1770 में आए भूकंप के बाद ये अब तक का सबसे भयंकर भूकंप बताया जा रहा है। 1946 में 8.1 तीव्रता का भूकंप हैती में आया था जिसके बाद आई सुनामी में 1790 लोगों की मौत हो गई थी।



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