माओवादी अपनी कुछ शर्तों के साथ वार्ता को तैयार !!

माओवादियों ने केंद्र के साथ बातचीत के मसले पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए कहा कि वो कुछ शर्तों के साथ वार्ता के लिए तैयार हैं ।

केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने मंगलवार को कोलकाता में एक प्रेस कांफ्रेस में कहा था कि माओवादी अगर हथियार डाल दें तो सरकार वार्ता के लिए तैयार है ।

माओवादियों की सैन्य विंग के प्रमुख कोटेश्वर राव उर्फ़ किशनजी ने बीबीसी को फोन पर बताया कि उनकी पार्टी केंद्र के साथ बातचीत के लिए तैयार लेकिन पहले पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्यों को रिहा किया जाए।

किशनजी का कहना था, ‘‘ हमारी दो शर्तें हैं। पोलितब्यूरो के हमारे चार नेता कोबड घांडी, अमिताभ बागची, नारायण सांन्याल और सुशील रॉय को छोड़ा जाए क्योंकि यही चारों नेता बातचीत के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। साथ ही सरकार ऑपरेशन ग्रीन हंट बंद करें . "

उल्लेखनीय है कि कई राज्यों में नक्सलियों के ख़िलाफ़ ग्रीन हंट के नाम से व्यापक अभियान चलाया जा रहा है ।

किशनजी का कहना था कि सरकार माओवादियों के ख़िलाफ़ अभियान जारी रख के बातचीत नहीं कर सकती ।

उधर सरकार का रुख है कि माओवादी अगर हिंसा बंद करें तो बातचीत संभव है ।

उल्लेखनीय है कि बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ इलाक़ों में माओवादी सक्रिय है । इन राज्यों के कुछ इलाक़ों में नक्सलियों का ख़ासा प्रभाव है और यह समस्या अत्यंत गंभीर रुप ले चुकी है ।

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