दार्जीलिंग चाय के बाद अब दशहरी का पेटेंट !!

लखनऊ के मशहूर मलीहाबादी दशहरी आम को भौगोलिक संकेतक का विशेष कानूनी दर्जा प्राप्त हो गया है ।

इससे पहले दार्जीलिंग चाय को इस तरह का दर्जा मिला था ।

मलीहाबादी आम को यह विशेष दर्जा भारत सरकार के भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री कार्यालय चेन्नई ने एक विशेष क़ानून के तहत दिया गया है ।

एक अलग स्वाद और सुगंध के कारण दशहरी आम की विशेष पहचान है ।

केन्द्रीय बागवानी संस्थान लखनऊ में एक जलसा करके स्थानीय किसानों को इसके महत्व के बारे में जानकारी दी गई.

केन्द्रीय कृषि अनुसंधान परिषद् के उप महानिदेशक डॉक्टर एचपी सिंह ने बताया कि भारत में पहली बार किसी फल को भौगोलिक पहचान का क़ानूनी दर्जा दिया गया है ।

डॉक्टर सिंह के मुताबिक़ मलीहाबादी दशहरी का पेटेंट हो जाने से अब किसी और इलाके का आम इस नाम से नही बेचा जा सकेगा।

मलीहाबाद के किसान अपने आम को ऊँचे दाम पर देश विदेश में बेच सकेंगे ।

आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष इन्श्राम अली ने दशहरी आम को यह विशेष कानूनी पहचान मिलने पर ख़ुशी जाहिर की है ।

एक ही पेड़ में आम की तीन सौ किस्में उगाने वाले बागबान कलीम उल्लाह ने कहा कि अब मलीहाबादी किसानों की आमदनी बढ़ेगी ।

सत्तासी वर्षीय किसान कामिल ख़ान ने वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि दशहरी आम की क़िस्म सुधारने में वह किसानो की मदद करें जिससे यह ज़्यादा दिन तक टिक सके ।

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