पाकिस्तान सरकार के साथ बात करने का कोई फायदा नहीं : गडकरी !!

भारतीय जनता पार्टी ने अध्यक्ष नितिन गडकरी ने पाकिस्तान के साथ बातचीत का कड़ा विरोध किया है और कहा है कि भारत सरकार आतंकवादियों का तुष्टिकरण कर रही है।

ये बात उन्होंने जम्मू में कही। एक रैली को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा, “पाकिस्तान सरकार के साथ बात करने का कोई फ़ायदा नहीं था, उसकी तो अपने देश में ही साख नहीं है । "

करीब तीन हज़ार लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पहले पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने के प्रति कड़ी वचनबद्धता दिखानी होगी ।

भाजपा नेता का कहना था, “गुरुवार का दिन भारत के इतिहास में काले दिवस के समान है क्योंकि सरकार पाकिस्तान के साथ बात कर रही है जो आतंकवाद का समर्थन करता है । "

सीमा पार कर पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में चरमपंथी गतिविधिओं के लिए प्रशिक्षण लेकर लौटे कश्मीरी युवाओं को माफ़ी देने पर उन्होंने चिंता जताई ।

उन्होंने कहा कि हत्यारों और अपराधियों को भारत वापस आने नहीं दिया जाएगा ।

गडकरी का तर्क था कि सरकार को कश्मीरी पंडितों की वापसी की कोई चिंता नहीं है लेकिन वो चरमपंथियों की वापसी की बात कर रही है। भाजपा नेता ने इसे कांग्रेस की देश विरोधी नीति करार दिया ।

नितिन गडकरी ने जम्मू कश्मीर को स्वायत्ता देने और अनुच्छेद 370 के तहत विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का विरोध किया ।

वे बोले, अगर हर भारतीय को ये हक़ है कि वो देश के किसी भी हिस्से में जाकर बस सकता है तो कश्मीर में क्यों नहीं।

राज्य में स्थाई रूप से रहने वाले लोग ही वहाँ संपत्ति खरीद सकते हैं, सरकारी नौकरी कर सकते हैं या विधानसभा चुनाव में वोट डाल सकते हैं ।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ़्रेंस मिलकर सरकार चला रहे हैं। नेशनल कॉंफ्रेंस की माँग है कि राज्य को ज़्यादा स्वायत्ता मिलनी चाहिए और उसे 1953 से पहले का दर्जा दिया जाए जब गवर्नर राष्ट्रपति होते थे और मुख्यमंत्री राज्य के प्रधानमंत्री होते थे ।

केंद्र के पास रक्षा, वित्त और संचार का ज़िम्मा होता था जबकि बाकी सारे विभाग राज्य सरकार के तहत आते थे ।

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