दोहे और उक्तियाँ !!



ईश्वर सच्चिदानन्द (अस्तित्वपूर्ण, ज्ञानमय और केवलानन्द) है। 

ईश्वर सत्य है। ईश्वर प्रेम है। परमात्मा प्रकाशों का प्रकाश है। 

ईश्वर सर्वव्यापी बुद्धि और चैतन्य है। ईश्वर ही वह सर्वव्यापी शक्ति है, 

जो इस ब्रह्माण्ड का संचालन करती है और इसको सुव्यवस्थित भी रखती है। 

वह(परमेश्वर) इस शरीर और मन का आन्तरिक शासक(अन्तर्यामी) है। 

वह सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वव्यापी है। वह सूत्रधार अर्थात 

तुम्हारे जीवन की डोरी को धारण करने वाला है। उसके छः गुण 

ज्ञान, वैराग्य, सौन्दर्य(माधुर्य), ऐश्वर्य, श्री और कीर्ति हैं। 

अतः वह भगवान कहलाता है।

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