इसे कहते है ...बरगलाना ....
बात उस समय की है जब मै हाई स्कूल में पढ़ रहा था । रेडियो पर सुना की आज नामीबिया दिवस है । समझ नही पाया । स्कूल में जब मैंने अपने भूगोल के टीचर से पूछा तो उन्होंने थोडी देर सोचा .... फ़िर बताया की नामीबिया का मतलब खुशी होता है ...यह दिवस विदेशों में खुशी को हासिल करने के निमित मनाया जाता है । मै संतुष्ट हो गया । करीब एक साल बाद मुझे पता चला की नामीबिया अफ्रीका का एक देश है और वह अपने स्थापना दिवस को नामीबिया दिवस के रूप में मनाता है । यह जानकर काफी हैरानी हुई..... अब सोचता हूँ ... एक न एक दिन तो पोल खुल ही जाती है सो बरगलाना छोड़ देना ही समझदारी है ... इज्जत का कबाडा तो अलग ही होता है । हम अपनी नजरों में ही गिर जाते है ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
4 comments:
मार्कण्डेय भाई गनीमत है कि आपने किसी मेडिकल कालेज के प्रोफ़ेसर से नहीं पूछा था वरना कुछ देर सोचने के बाद बता देता कि बेटा ये एक बीमारी है जैसे विश्व एड्स दिवस मनाते हैं वैसे ही ये ये एक भयंकर बीमारी है जो कि "एनीमिया" और "फोबिया" का मिला जुला रूप होता है तो ये दोनो "ना" हों इसलिये "नामीबिया दिवस" मनाया जाता है। धन्य हैं हमारे ऐसे शिक्षक.....
अब अगर कभी मुलाकात हो तो उन्हें अवश्य बता दीजियेगा अगर इसी गलतफ़हमी को लिये वो जन्नतरसीद न हो गये हों...
जय जय भड़ास
मार्क भाई आपने तो जो लिखा वो धांसू है ही लेकिन गुरूदेव डाक्टर साहब ने नामीबिया की जो मेडिकल विवेचना करी है वो तो बस पैट्रोल है एकदम्मै....। इससे मिलता जुलता एक और शब्द आपने बताया है गुरूदेव ’एम्फीबिया’ जो कि मेढ़क जैसे जीवों के लिये लिखा जाता है यानि उभयचर तो अगर ये ज़ूलाजी के टीचर से पूछते तो वह कुछ इससे मिलता जुलता बताता :)
जय जय भड़ास
किर्पया इन अध्यापक mahashay का नाम ,पता , स्कूल का नाम भी परकाशित करे
are sir bachapan ki baat hai ...ha agar ab koi aisa karega to usaka kabada kiya jayega..
Post a Comment