अपुन कोई अग्निबाण वान नही है, साला हम है डाक्टर रुपेश श्रीवास्तव, चल संजय सेन अपने बाप यशवंत को बता की यहाँ साला सब रुपेश ही है, और हाँ एक बात और जो यशवंत को पता है तू भी कर लेना अपने बापू से की कैसे भडासी एक हुंकार भरता है तो सामने वाले की क्या क्या गीली हो जाती है।
हम ही हैं रुपेश हम ही हैं भड़ास
जय जय रुपेश
जय जय भड़ास
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