भड़ासियों आजकल देश में एक के बाद एक खुशखबरी मिल रही हैं मैंने कल ही कि सूचना संचार के एक श्रेष्ठ माने जाने वाले माध्यम अपने हज्जाम संजय से सुना कि मुंबई पर आतंकवादी हमला करने के झूठे आरोप में गिरफ़्तार एकमात्र जीवित व्यक्ति को भारत सरकार कुछ दिनों तक खातिरदारी करने के बाद पड़ोसी मुल्कों से बेहतर संबंधों की गुंजाइश बनाए रखने की विदेश नीति के तहत श्री अजमल कसाब जी को "राष्ट्र-दामाद" की उपाधि से सम्मानित करके तमाम उपहार आदि दे कर वापिस उनके वतन भेजने वाली है। मुझे नहीं पता चल सका कि मेरे हज्जाम संजय की सूचना के स्रोत क्या होते हैं पर उसकी सूचनाएं आजकल के खबरिया चैनलों से कहीं ज्यादा दिलचस्प होती है। संजय की खबर है कि श्री अजमल कसाब जी को भारत सरकार के कई विभागों ने प्रयास करके बुलवाया था और उनका आगमन भी साधारण न हो कर बहुद्देश्शीय है जिसमें कि रक्षा मंत्रालय ने उन्हें समुद्री सीमा की चौकसी की आजमाइश के लिये बुलाया था साथ ही मुंबई पुलिस के लिये भी एक ड्रिल हो गयी, दूसरा उद्देश्य मुंबई में मुंह उठा कर चले आने वाले परग्रहीय(क्षमा करें परप्रांतीय) लोगों को रोकना; तीसरा उद्देश्य सम्पूर्ण राष्ट्र में जनता द्वारा चुनी गयी सरकार द्वारा अतिथि देवि भव की भावना के उत्कट प्रदर्शन का हेतु अन्यथा बार-बार ऐसे मौके कहां मिलते हैं? श्री अजमल कसाब जी को पेट दुखा तो पूरा स्वास्थ्य मंत्रालय एण्डोस्कोपी करने दौड़ पड़ा, कहीं जवांई राजा को हवा न लग जाए इसलिये उनके आवागमन के लिये दो करोड़ रुपए की लागत से बम-प्रूफ़ सुरंग नुमा रास्ते का निर्माण कराया जा रहा है। यही सरकार अपने देशवासियों के लिये सड़क के गड्ढें साठ सालों में न भर पायी, बीमारियों से जूझते आम आवाम को स्वास्थ्य न उपलब्ध करा पायी लेकिन श्री अजमल कसाब के लिये तन-मन-धन से हाजिर है कि कहीं दामाद जी की सेवा में कोई कसर न रह जाए वरना समधी जी नाराज होकर पूंछ क्षेत्र में हमारे जवानों की खामखां ही बलि ले लेंगे जैसा कि वे अक्सर करते रहते हैं।
जय जय भड़ास
3 comments:
बीमारियों से जूझते आम आवाम को स्वास्थ्य न उपलब्ध करा पायी लेकिन श्री अजमल कसाब के लिये तन-मन-धन से हाजिर है कि कहीं दामाद जी की सेवा में कोई कसर न रह जाए वरना समधी जी नाराज होकर पूंछ क्षेत्र में हमारे जवानों की खामखां ही बलि ले लेंगे जैसा कि वे अक्सर करते रहते हैं।....
kya kare rupesh jee yah bharat ki puraani niti rahi hai ki dushman ko bhi utana hi sahuliyat do jitana yaha ke logon ko milta ...ya kuch jyaada hi de do... time has come to change this mentality.
भाई एक बात तो है कि आप के व्यंग बहुत धारदार रहते हैं लेकिन ये तो एक कूटनीति के तहत करा जा रहा है
जय जय भड़ास
मुझ बालक को ये बात समझ में नहीं आ रही कि अपराधी शोभराज से एक कमसिन छोरी ने शादी करके बहुत ख्याति हासिल कर ली इस पट्ठे से शादी करके कोई बालिका ख्याति का टोटका अब तक क्यों नहीं अपना रही है... मुझे इंतजार है अपने देश में सब कुछ हो सकता है।
जय जय भड़ास
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