चोकरे बाली सिर्फ़ अपनी तारीफ चाहता है , अगर आप वहा जाए तो सिर्फ़ उन की गैर भारतीय , स्त्री को बव्खूफ़ बना कर उन का घर तोड़ने वाली बातो पर ताली बजा कर

शाबाश डरपोक आशा जोगलेकर अगर मेरे विचार आप को पसंद नहीं आये , आते भी कैसे उस मे तुम्हारे लेख की धजिया जो उड़ा दी गई थी , तो उस को हटा ही दिया . , धन्यवाद इस बशार्मी भरे कार्य के लिए / आप ने इस ब्लॉग की परंपरा कायम राखी है , मेरे विचारो को हटाने की

2 comments:

दीनबन्धु said...

अमित भाई ये सब बस दिखावा करते हैं इनके कई चेहरे हैं सच का सामना करने का साहस इनमें नहीं है, चाहे नर हों या मादा सब के सब मुंहचोर हैं। लेकिन आपको भी मान गया भाई बिना बाई लोगों के अड्डे पर गए आपका दिल नहीं मानता और जाते भी हो तो कम से कम उंगली तो मत करो पर आप भी ठहरे महाभड़ासी तो जो बात नहीं जमी उसकी बड़ी नैतिकता से बखिया उधेड़ देते हैं :) लगे रहिये.... पेले रहिये कभी तो ये लोग बदलेंगें इसी उम्मीद पर....
जय जय भड़ास

अमित जैन (जोक्पीडिया ) said...

जो गलत है दोस्त ,
उस को गलत बोलना यही से सिखा है ...................:)

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