अमर का कांग्रेस प्रेम.

समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित नेता अमर सिंह ने बुधवार को जहां कांग्रेस की सराहना की वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल होने की संभावना को नकार दिया। अमरसिंह ने सुझाव दिया कि वह मायावती नेतृत्व वाली पार्टी को उत्तर प्रदेश को तीन भागों में विभाजित करने में सहयोग कर सकते हैं।

कांग्रेस के संदर्भ में अमर सिंह ने मेलमिलाप वाला रूख अपनाने को कहा। सिंह ने कहा कि हालांकि वहां पर भी परिवार को अधिक महत्व दिया गया है, मगर वह सपा सहित उन पार्टियों से अलग है, जो राजनीतिक परिवार द्वारा चलाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बसपा में अंतर यह है कि कांग्रेस के राहुल गांधी पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र की बात करते हैं। पार्टी ने चुनाव कराया और स्थिति से निपटने के लिए व्यवस्था है तथा एक कोर समिति है जो निर्णय लेती है।

सिंह ने एक साक्षात्कार में बताया कि यह बात नहीं है कि पार्टी अध्यक्ष कुछ कहे और अगले ही दिन उसके ठीक विपरीत कहे। इससे पार्टी की छवि खराब होती है, क्योंकि इससे पार्टी की राजनीतिक विश्वनीयता प्रभावित होती है। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के लिए कोशिश की है, 54 वर्षीय नेता ने स्पष्ट करते हुए कहा कि वह कोई बच्चे नहीं हैं जो नर्सरी में प्रवेश चाहते हैं।

 पूर्व कांग्रेस सदस्य सिंह ने कहा कि उनको इतना पता है कि उनका डीएनए कांग्रेस विरोधी नहीं है। उनके कई व्यक्तिगत मित्र कांग्रेस में हैं और संप्रग (एक) और संप्रग (दो) के गठन में भूमिका निभाई थी।

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