आरबीआई की इस पहल से बचत खाताधारकों को बेहतर रिटर्न मिल सकेगा क्योंकि वर्तमान में बैंक इन खातों पर ब्याज दर की गणना खाते में बचे न्यूनतम बैलेंस के आधार पर करते हैं। बैंकों द्वारा महीने की 11 तारीख और अंतिम तारीख से यह गणना की जाती है।
रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि हमने सुझाव दिया है कि बैंकों द्वारा बचत खातों पर ब्याज का भुगतान एक अप्रैल से दैनिक उत्पाद आधार पर किया जा सकता है। हालांकि, इससे पहले बैंकों ने रिजर्व बैंक से इस व्यवस्था को टालने का अनुरोध किया था।
इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के चेयरमैन एमवी़ नायर ने कहा था कि हमने उनसे या तो बचत खाते की ब्याज दर घटाने या इसे लागू करने को टालने का अनुरोध किया है क्योंकि इससे हमारा मार्जिन और लाभ प्रभावित होगा। वर्तमान में बचत खातों में दो लाख रुपये तक तक की बचत पर ब्याज दरें विनियंत्रित है। रिजर्व बैंक बचत खातों में केवल दो लाख रुपये तक की जमाओं पर ब्याज दरें तय करता है और इससे अधिक की रकम पर बैंक ब्याज दरें तय करने को स्वतंत्र हैं।
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