बिहार दौरे पर आए राहुल गांधी की कोशिश युवाओं से मिल कर उन्हें पार्टी से जोड़ने की रही ।
उन्होंने मौजूदा राज्य सरकार को भी विफल बताया लेकिन प्रेस कॉंफ्रेंस के दौरान उन्हें कुछ तीखे सवालों का सामना करना पड़ा ।
उन्हें कांग्रेस शासित राज्य महाराष्ट्र के मसले पर सवालों के सबसे तीखे प्रहार झेलने पड़े ।
शायद इसी कारण उन्होंने ये सख़्त प्रतिक्रिया दी,"अगर बिहार या उत्तर प्रदेश से महाराष्ट्र गए या जाने वालों को परेशान करना जारी रहा तो अब मैं चुप नहीं रहने वाला । "
बिहार की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार सुबह पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे इस बात में कोई दिलचस्पी नहीं है कि बाल ठाकरे या राज ठाकरे क्या बोलते हैं ।
मेरी रूचि सिर्फ इस बात में है कि भारत के हरेक हिस्से पर हर भारतवासी का सामान हक़ है।" लेकिन जब मैंने ये पूछा कि इस बाबत महाराष्ट्र की कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं, तो राहुल गांधी सिर्फ़ ये कहकर टाल गए कि 'मैंने अपना पक्ष आपको बता दिया ।
महंगाई से जुड़े सवालों पर भी वो घिरते नज़र आए। पूरी दुनिया में हुई मूल्यवृद्धि और जमाखोरों के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई नहीं किए जाने को उन्होंने इस संकट का बड़ा कारण बताया ।
लेकिन जब उनसे इस संदर्भ में केंद्र सरकार की कथित शिथिलता पर प्रश्न पूछे गए तो उनका जवाब था, "प्रधानमंत्री जी से मैंने खुद भी बात की है। उन्होंने मुझ से कहा था कि महंगाई कम करने के तमाम उपाय किए जा रहे हैं और जल्दी ही इसका असर दिखेगा । "
बिहार की नीतीश सरकार को उन्होंने शिथिल बताते हुए कहा कि केंद्र से मिली धन-राशि का इस्तेमाल ठीक से नहीं किया गया ।
उनका कहना था,"जब एनडीए सरकार थी तो बिहार को पचास हज़ार करोड़ रूपए भेजे गए थे। जब यूपीए सरकार आई तो बिहार को 96 हज़ार करोड़ रूपए मिले। लेकिन समस्या ये है कि बिहार की योजनाओं की बीस प्रतिशत राशि तो बिचौलिए और भ्रष्ट कर्मी ही खा जाते हैं। राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है ।"
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीयत को उन्होंने ठीक कहा लेकिन सरज़मीं पर काम करा पाने में उन्हें पूरी तरह विफल बताया ।
पैसे की कमी संबंधी नीतीश कुमार की बातों को उन्होंने ग़लत क़रार देते हुए कहा कि कोसी बाढ़ विपदा के समय बिहार को केंद्र से मिले एक हज़ार करोड़ रूपए, एक बहुत बड़ी राशि थी, जो असल में बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुँच पाई। राहुल गाँधी ने खुलकर कहा कि राहत में गड़बड़ी को उन्होंने उस समय खुद अपनी आँखों से देखा था ।
राहुल ये भी बोले कि बिहार में कांग्रेस यहाँ की जनता से दूर हो गई थी, इसलिए जनता ने कांगेस को सत्ता से दूर कर दिया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि पिछली गलतियाँ नहीं दुहराई जाएगी ।
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