उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे इस पर कुछ नहीं बोलना कि इस मसले पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे क्या सोचते हैं। लोकतंत्र में सबको अपना मत रखने का अधिकार है। लेकिन मेरा मानना है कि भारत की एक-एक इंच जमीन सभी भारतीयों की है।
राहुल गांधी ने मुंबई आतंकी हमले में महाराष्ट्र के जांबाज जवानों समेत एनएसजी के सभी कमांडो के बलिदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मुंबई में आतंकी हमले के दौरान मुकाबला करने वाले एनएसजी जवानों में बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र के बहादुर शामिल थे। उस समय शिवसेना ने नहीं कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को बाहर निकालो। भारत को आगे बढ़ना है और उसके साथ सभी को आगे बढ़ना है।
जब उनसे शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में बाल ठाकरे द्वारा की गई उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया, जिसमें कहा गया था कि राहुल ने 26/11 के आतंकी हमले का मुकाबला करते हुए शहीद होनेवालों में केवल उत्तर प्रदेश और बिहार के जांबाज जवानों के शामिल होने की बात कहकर शेष शहीदों का अपमान किया है, तो राहुल गांधी ने कहा कि भारत भारतीयों का है और भारत का हरेक हिस्सा सभी भारतीयों के लिए है। मुझे बाल ठाकरे या महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के नजरिए में कोई दिलचस्पी नहीं है।
जब उनसे पूछा गया कि शिव सेना और राज ठाकरे की पार्टी मनसे के बारे में उनका क्या मत है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं ठाकरेजी की बात पर प्रतिक्रिया नहीं करता। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि शिवसेना और मनसे की बात करना जरूरी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि मराठी मानुष पर हो रही राजनीति का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), भारतीय जनता पार्टी तथा गृह मंत्री पी चिदंबरम ने विरोध किया था। आरएसएस ने जहां उत्तर भारतीयों को हिंसा से बचाने के लिए स्वयंसेवकों को निर्देश देने की बात कही थी, वहीं गृह मंत्री ने सोमवार को कहा था कि मुंबई सब की है और भारत आने वाले पाकिस्तानी और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को बिल्कुल डरने की जरूरत नहीं है।
भाजपा अध्यक्ष नीतिन गडकरी ने भी कहा था कि इस दल के साथ उनके दल का गठबंधन जरूर है, लेकिन चूंकि दोनों स्वतंत्र पार्टियां हैं, इसलिए विभिन्न मुद्दों पर उनके मतभेद हो सकते हैं।
राहुल गांधी ने मुंबई आतंकी हमले में महाराष्ट्र के जांबाज जवानों समेत एनएसजी के सभी कमांडो के बलिदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मुंबई में आतंकी हमले के दौरान मुकाबला करने वाले एनएसजी जवानों में बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र के बहादुर शामिल थे। उस समय शिवसेना ने नहीं कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को बाहर निकालो। भारत को आगे बढ़ना है और उसके साथ सभी को आगे बढ़ना है।
जब उनसे शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में बाल ठाकरे द्वारा की गई उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया, जिसमें कहा गया था कि राहुल ने 26/11 के आतंकी हमले का मुकाबला करते हुए शहीद होनेवालों में केवल उत्तर प्रदेश और बिहार के जांबाज जवानों के शामिल होने की बात कहकर शेष शहीदों का अपमान किया है, तो राहुल गांधी ने कहा कि भारत भारतीयों का है और भारत का हरेक हिस्सा सभी भारतीयों के लिए है। मुझे बाल ठाकरे या महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के नजरिए में कोई दिलचस्पी नहीं है।
जब उनसे पूछा गया कि शिव सेना और राज ठाकरे की पार्टी मनसे के बारे में उनका क्या मत है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं ठाकरेजी की बात पर प्रतिक्रिया नहीं करता। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि शिवसेना और मनसे की बात करना जरूरी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि मराठी मानुष पर हो रही राजनीति का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), भारतीय जनता पार्टी तथा गृह मंत्री पी चिदंबरम ने विरोध किया था। आरएसएस ने जहां उत्तर भारतीयों को हिंसा से बचाने के लिए स्वयंसेवकों को निर्देश देने की बात कही थी, वहीं गृह मंत्री ने सोमवार को कहा था कि मुंबई सब की है और भारत आने वाले पाकिस्तानी और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को बिल्कुल डरने की जरूरत नहीं है।
भाजपा अध्यक्ष नीतिन गडकरी ने भी कहा था कि इस दल के साथ उनके दल का गठबंधन जरूर है, लेकिन चूंकि दोनों स्वतंत्र पार्टियां हैं, इसलिए विभिन्न मुद्दों पर उनके मतभेद हो सकते हैं।
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