विश्व स्वास्थ संगठन ने कहा है कि सिगरेट न पीने वाले लोगों के लिए और संरक्षण जरूरी है. विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार दुनिया में अप्रत्यक्ष धूम्रपान के कारण सालाना ६ लाख लोगों की मृत्यु होती है. विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा आज जारी की गई नई रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में धूम्रपान विरोधी कानूनों के कारण इस वर्ष सिर्फ ५.४ फीसदी आबादी का संरक्षण हुआ है.
विश्व स्वास्थ संगठन के अधिकारी अला अलवान ने कहा है की तम्बाकू के धुएं से बचने के लिए दुनिया भर के देशों को सख्त कदम उठाने होंगे. उन्होंने कहा की धूम्रपान के कारण कई लोगों की सेहत को हानि पहुंच रही है और जल्द से जल्द उपाय योजना बनाना अत्यावश्यक है. संयुक्त राष्ट्र के इस संगठन के अनुसार अप्रत्यक्ष धूम्रपान से कई जानलेवा बीमारियां होती हैं और सालाना १० अरब डौलर का नुकसान भी होता है.
दुनिया के १७ देशों में सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करने की मनाही है, २००८ में कोलंबिया, जिबुटी, ग्वाटेमाला, पनामा, तुर्की, और ज़ाम्बिया ने भी इस कानून को लागू किया था. लेकिन संगठन के अनुसार और देशों को इस कानून को अपनाना होगा. फिलहाल सबसे ज्यादा आबादी वाले सिर्फ २२ शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान की मनाही है. दुनिया में ज्यादा आबादी वाले १०० शहर है जिनमें कई भारतीय शहर भी शामिल है.
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