गुलमर्ग में भीषण हिमस्खलन ,प्रशिक्षण ले रहे सैनिकों की मौत !!

लोकप्रिय स्की रिजोर्ट गुलमर्ग में सोमवार को एक भीषण हिमस्खलन में 17 सैनिकों की मौत हो गई जबकि इतने ही सैनिक उस समय घायल हो गए जब वे तंग चढ़ाइयों पर प्रशिक्षण ले रहे थे।

पुलिस और सेना ने कहा कि हिमस्खलन की चपेट में 60 सैनिक उस समय आ गए जब वे शून्य दृश्यता की स्थिति में ऊंची चोटी वाली खिलनमर्ग चोटी की बर्फ पर चढ़ रहे थे। सेना के प्रवक्ता कर्नल जे एस बरार और पुलिस ने कहा कि 17 सैनिक बर्फ में दब गए जबकि 17 अन्य को बर्फ से निकाला गया। 26 लोगों को इस दुर्घटना में बचा लिया गया। कर्नल बरार ने कहा कि सभी घायलों की हालत गंभीर है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।

उन्होंने कहा कि मृतकों में एक अधिकारी लेफ्टिनेंट प्रतीक और सेना के प्रतिष्ठित हाई अल्टीटयूड वारफेयर स्कूल के 16 अन्य सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। कर्नल बरार ने बताया कि यह 60 लोग 350 सैनिकों के उस समूह में शामिल थे जिन्हें गुलमर्ग स्थित स्कूल द्वारा संचालित शीतकालीन युद्ध पाठयक्रम के लिए चुना गया था।

गुलमर्ग और इसके आस पास के इलाकों में पिछले दो दिनों से जबरदस्त हिमपात हो रहा है और कुछ इलाकों में छह फुट तक बर्फ के जमने की खबरें मिली हैं। कर्नल बरार ने कहा कि यह समूह सुबह आठ बजे गुलमर्ग से रवाना होकर सर्दी के मौसम के युद्ध प्रशिक्षण शिविर को स्थापित करने के लिए 10000 फुट की ऊंचाई पर खिलनमर्ग की एक पहाड़ी पर पहुंच गया था जहां वह हिमस्खलन की चपेट में आ गया।

राज्य के पर्यटन मंत्री नासिर सोगामी ने कहा कि दुर्भाग्यवश सुबह के समय यह लोग प्रशिक्षण के लिए गए हुए थे और हिमस्खलन की चपेट में आ गए। घायलों में कम से कम 12 लोगों की हालत नाजुक है और उन्हें अस्पताल भेज दिया गया है। हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान ने कल शाम हिमस्खलन होने की चेतावनी जारी की थी और ऊंचाई पर रहने वाले लोगों से बाहर घूमने के लिए मना किया था क्योंकि इलाके में भारी हिमपात होने की आशंका थी।

प्रतिष्ठान ने चेतावनी जारी करते हुए कहा था, अगले 24 घंटों के दौरान ऊंचाई वाले इलाकों में भूस्खलन होने की आशंका है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को चेतावनी दी जाती है कि वे हिमपात के दौरान बाहर नहीं निकलें और हिमस्खलन की आशंका वाले इलाकों में न घूमें। घायलों में कुछ की हालत गंभीर है जिन्हें नयनाभिराम पर्यटन स्थल गुलमर्ग के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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