समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को पार्टी के पूर्व महासचिव अमर सिंह और उनकी समर्थक मानी जाने वाली रामपुर से सांसद जयाप्रदा को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निकाल दिया, जबकि उनके समर्थक चार विधायकों को निलम्बित कर दिया गया है।
पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव मोहन सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि अमर सिंह और जयाप्रदा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अमर सिंह की पार्टी विरोधी गतिविधियों में उनका समर्थन कर रहे चार विधायकों अशोक सिंह, चन्देल मदन चौहान, सर्वेश सिंह उर्फ सिपू और संदीप अग्रवाल को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
सिंह ने एक सवाल के जवाब में बताया कि पार्टी अमर सिंह और जयाप्रदा की क्रमश: राज्यसभा और लोकसभा से सदस्यता समाप्त कराने के लिए दल-बदल अधिनियम के तहत याचिका दाखिल करेगी और इस संबंध में विधिक राय ली जा रही है।
उन्होंने बताया कि सदन में सिर्फ पार्टी व्हिप का उल्लघंन ही दल बदल अधिनियम की सीमा में नहीं आता, बल्कि पार्टी विरोधी बयानबाजी और पार्टी के सामानांतर कोई संगठन चलाना अथवा उसका गठन भी दल-बदल अधिनियम के तहत आता है और ऐसा करने वालों की सदन से सदस्यता रद्द हो सकती है।
उन्होंने बताया कि पार्टी कानूनी राय प्राप्त करने के बाद अमर सिंह और जयाप्रदा की सदन से सदस्यता समाप्त करवाने के लिए क्रमश: राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिकाएं प्रस्तुत करेगी।
सपा के नवनियुक्त प्रवक्ता व महासचिव मोहन सिंह ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह ऐलान किया। मोहन सिंह ने कहा, "पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में यह फैसला किया गया। ये सभी पार्टी विरोध गतिविधियों में लिप्त थे।"
उन्होंने कहा, "अमर सिंह ने पार्टी के समानांतर एक संगठन खड़ा कर लिया है। वह पार्टी की नीतियों के खिलाफ बयानबाजी कर रहे है। पार्टी की जातिविहिन भावनाओं को ठेस पहुंचाकर वह पार्टी की जातिवादी छवि पेश कर रहे थे।"
पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव मोहन सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि अमर सिंह और जयाप्रदा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अमर सिंह की पार्टी विरोधी गतिविधियों में उनका समर्थन कर रहे चार विधायकों अशोक सिंह, चन्देल मदन चौहान, सर्वेश सिंह उर्फ सिपू और संदीप अग्रवाल को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
सिंह ने एक सवाल के जवाब में बताया कि पार्टी अमर सिंह और जयाप्रदा की क्रमश: राज्यसभा और लोकसभा से सदस्यता समाप्त कराने के लिए दल-बदल अधिनियम के तहत याचिका दाखिल करेगी और इस संबंध में विधिक राय ली जा रही है।
उन्होंने बताया कि सदन में सिर्फ पार्टी व्हिप का उल्लघंन ही दल बदल अधिनियम की सीमा में नहीं आता, बल्कि पार्टी विरोधी बयानबाजी और पार्टी के सामानांतर कोई संगठन चलाना अथवा उसका गठन भी दल-बदल अधिनियम के तहत आता है और ऐसा करने वालों की सदन से सदस्यता रद्द हो सकती है।
उन्होंने बताया कि पार्टी कानूनी राय प्राप्त करने के बाद अमर सिंह और जयाप्रदा की सदन से सदस्यता समाप्त करवाने के लिए क्रमश: राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिकाएं प्रस्तुत करेगी।
सपा के नवनियुक्त प्रवक्ता व महासचिव मोहन सिंह ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह ऐलान किया। मोहन सिंह ने कहा, "पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में यह फैसला किया गया। ये सभी पार्टी विरोध गतिविधियों में लिप्त थे।"
उन्होंने कहा, "अमर सिंह ने पार्टी के समानांतर एक संगठन खड़ा कर लिया है। वह पार्टी की नीतियों के खिलाफ बयानबाजी कर रहे है। पार्टी की जातिविहिन भावनाओं को ठेस पहुंचाकर वह पार्टी की जातिवादी छवि पेश कर रहे थे।"
उधर समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद अमरसिंह ने कहा है कि पार्टी ने उन्हें और जयप्रदा को तो निकाल दिया, मगर जया बच्चन को क्यों छो़ड दिया, जबकि वह भी उनके साथ हैं। अमरसिंह ने सपा को चुनौती देते हुए कहा कि उसमें हिम्मत है तो उन्हें निकाल कर दिखाएं।
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