कल मिथिला पुत्र स्व. लल्लन प्रसाद ठाकुर का जन्म दिवस था और इस तिथि समारोह में तब्दील कर सामाजिक सेवा के साथ सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन कर स्व. एल पी. ठाकुर स्मृति न्यास ने ठाकुर जी को सम्पूर्ण श्रधांजलि दी।
जैसा की न्यास की अध्यक्ष सुश्री कुसुम ठाकुर ने बताया कल सुबह सुबह कुष्ठ रोगियों के लिए कैम्प का आयोजन किया गया था जिसमें रोगियों के लिए दवाई, इलाज के साथ वस्त्र और भोजन की व्यवस्था की गयी थी।
सुश्री ठाकुर ने बताया कि न्यास कई दिनों पूर्व से ही इसकी तैयारी कर रहा था और इस कार्य में डाक्टर विनोद कुमार ठाकुर ने निस्वार्थ भाव से अपनी सम्पूर्ण सेवा दी, इस कैम्प के लिए वरिष्ठ पत्रकार विजय सिंह भी सार्थक सहयोगी थे।
लल्लन जी इंजिनियर थे मगर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, अपने पेशे के अतिरिक्त लेखन और सामाजिक कार्य में सदैव अग्रणी रहते थे, मैथिली भाषा के लिए व्यापक लडाई के अगुआ थे।
मैथिली में विभिन्न नाटकों कविताओ और एकांकी को लिखने वाले लल्लन जी जीवंत पर्यंत अपने सामाजिक कार्यों से जन चेतना का संचार करते रहे।
आज लल्लन जी नहीं हैं मगर उनके पीछे उनका भरा पूरा और समृद्ध परिवार मिथिला की शान है और एल. पी. ठाकुर स्मृति न्यास के माध्यम से उनकी अर्धांग्नी सुश्री कुसुम ठाकुर जनजागृति और सामाजिक कार्यों को सदैवगति देतीं हैं।
कैम्प से वापस आने के बाद कुसुम जी ने अपनी व्यथा फेसबुक पर इस तरह लिखी है कि " ऐसा देश जिसके मात्र एक शहर में, १० लाख की आबादी में कम से कम ६- ७ हज़ार कुष्ठ रोगी हों और सरकार या नेता मात्र चुनाव के समय में वोट मांगने जाएँ और कुछ खाद्य सामग्री दे उनसे वोट तो ले लें, पर जो सरकार की मुफ्त सेवायें हैं उसे भी मुहैया न कराये उस देश को कतिपय प्रगतिशील देश नहीं कह सकते" सरकार, प्रशासन और सम्बंधित विभाग की चिकित्सा के नाम पर ढोलक बजाने वाली भोंपू की हकीकत को उजागर करती है।
अनकही स्व. लल्लन प्रसाद ठाकूर को श्रधांजलि अर्पित करता है।
2 comments:
कल ही कुसुम जी के यहाँ पढ़ा.
स्व. लल्लन प्रसाद ठाकूर को श्रृद्धांजलि.
may the almighty give piece to the departed soul and strength to we all to enable us to fulfill his dreams & desires for the community as a whole .we salute his creativity .....
mamta : shashank
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