साम्राज्यवादी मुल्कों ने दुनिया के काफी देशों को लूटा है खसोटा है। छोटे से देश हैती को इस कदर साम्राज्यवादियों ने वहां की प्राकृतिक सम्पदा का दोहन किया है कि पर्यावरण व पारिस्थितकी की व्यवस्था ही डगमगा गयी और भयंकर भूकंप आया लाखों लोग मारे गए। अनाथ बच्चों की तादाद कई हजारों में हो गयी अब साम्राज्यवादियों के एक गिरोह को हैती पुलिस ने पकड़ा है जिसके पास से 33 बच्चे बरामद हुए हैं। इन बच्चों को डामिनिकन रिपब्लिक ले जाया जा रहा था।मानव तस्कर हैती में जगह जगह राहत और बचाव के बहाने कैम्प लगाये हुए हैं। जो मानव संसाधन की तस्करी भी कर रहे हैं।
ब्रिटिश साम्राज्यवाद का जब सूरज अस्त नहीं होता था तो वह गुलाम देशों से आदमियों को ले जा कर कमर के नीचे गरम लोहे से नंबर डाल कर छोटे-छोटे मुल्कों में खेती करवाते थे। यूरोप की समृद्धि का राज भी यह है कि मानव को गुलाम बना कर उनकी श्रम शक्ति से अपने वहां कार्य करना ही था उसके एवज में कोई भुगतान नहीं था। आज जब दुनिया हैती के भूकंप पीड़ितों की मदद कर रही है तो साम्राज्यवादी देशों के एजेंट मदद के बहाने अनाथ बच्चों की तस्करी में लगे हुए हैं साम्राज्यवाद जिसका मुख्य उद्देश्य मुनाफा है । मुनाफे के लिए वह हमेशा कफ़न तक नोच लेते हैं ।
ब्रिटिश साम्राज्यवाद का जब सूरज अस्त नहीं होता था तो वह गुलाम देशों से आदमियों को ले जा कर कमर के नीचे गरम लोहे से नंबर डाल कर छोटे-छोटे मुल्कों में खेती करवाते थे। यूरोप की समृद्धि का राज भी यह है कि मानव को गुलाम बना कर उनकी श्रम शक्ति से अपने वहां कार्य करना ही था उसके एवज में कोई भुगतान नहीं था। आज जब दुनिया हैती के भूकंप पीड़ितों की मदद कर रही है तो साम्राज्यवादी देशों के एजेंट मदद के बहाने अनाथ बच्चों की तस्करी में लगे हुए हैं साम्राज्यवाद जिसका मुख्य उद्देश्य मुनाफा है । मुनाफे के लिए वह हमेशा कफ़न तक नोच लेते हैं ।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
3 comments:
भाईसाहब मौके का लाभ उठाना एक फितरत है ये गिद्ध हैं जो इंतजार करते हैं कि कब पशु या इंसान मर जाए तो ये नोच सके, कमोबेश यही हाल हमारे देश में भी है क्या हमारे नेता इन साम्राज्यवादी लोगों से कुछ कम हैं जो शायद घर पर बैठ कर अढ़ैय्या लुढ़काते होंगे कि कब कहां पनौती लगे और ये चांदी काटें ऐसे कफ़नचोर तो हमारे यहां भी हैं ताबूत घोटाला किसी अमेरिकन ने नहीं करा था...
जय जय भड़ास
इन बातों के लिये हम अमेरिका को दोषी ठहरा चुके हैं कि ये भूकम्प भी उसके ही प्रयोग का नतीजा है लेकिन हमारे देश में जो इस तरह की सोच पनप रही है उसका क्या करें
जय जय भड़ास
सुमन जी,
डाक्टर साहब ने सही कहा, हमारे देश में गिद्धों की कमी कहाँ है जो तिरंगे पर भी अपनी काली नजर रखते हैं.
जय जय भड़ास
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