भारत स्वतंत्र हुआ चंद लोगों की गुलामी के लिए!!!!

भारत को स्वतंत्रता तो 1947 में ही मिल गयी पर इस स्वतंत्रता का उपयोग किसने और किस रूप में किया, यह विचारणीय प्रश्न है। क्या सच में यह स्वतंत्रता आम जनता को मिली? क्या जनता अपनी स्वतंत्रता का उपयोग कर पा रही है? यह एक जटिल प्रश्न है और इसका जवाब और भी जटिल है। भारत के संविधान के अनुसार यह एक स्वतंत्र राष्ट्र है। इसका एक स्पष्ट संविधान है। पर क्या एक अधिनियम, एक बिल या कागज के एक पन्ने पर लिख देने से स्वतंत्रता की प्राप्ति संभव है। अगर आपका जवाब हां है तो आप हमें बताये कि कितनी स्वतंत्रता प्राप्त है आपको? बताये क्या आप स्वतंत्र है राजनीतिज्ञों के द्वारा किये जा रहे घोटालों के बारे में जानने के लिये? क्या आपको स्वतंत्रता प्राप्त है जानने का कि संसद में जनहित की कितनी बातें होती हैं?....
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2 comments:

मुनेन्द्र सोनी said...

अभिषेक बाबू आप तो गुरूघंटाल आदमी निकले सीधे कन्नी काट कर खड़े हो गये डा.साहब पर लगाये आरोप का जवाब तक नहीं दिया जबकि तमाम लोगों ने आपसे सीधे ही इस विषय पर कहा था। ये क्या मुखौटा है मेरे भाई हमें भी तो समझाइये....
जय जय भड़ास

Abhishek said...

आप बैठ कर माला जपते रहिये आरोपों का. वह उस समय भी कह दिया गया था कि गलतफहमी में हुआ था. आप माला जपिए मुझे जो करना है करूँगा...

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