मामूजान ! बैग में बम है लोकल में रखने ले गया था

भड़ासी जनों मुंबई पर आतंकवादी हमला हुआ तो हमारी मुंबई पुलिस का चौकन्ना हो जाना स्वाभाविक है, सारी कहानी आप सब जानते हैं कि इनकी चौकन्ना-पुराण कितनी बड़ी है। मैं हमेशा से एक विचित्र बात जो देखता आ रहा हूं उस पर आप सब गौर करें। मैंने हमेशा देखा है कि लोकल ट्रेन से उतर कर आने वाले हर यात्री को जांचा जाता उसके पर्स से लेकर बैग तक को खंगाल लिया जाता लेकिन लोकल ट्रेन में बैठने जा रहे किसी यात्री की तरफ देखा भी न जाता। है न चमत्कार और गजब की सक्रियता..... क्यों??? अरे भाई मुंबई पुलिस मानती है कि उतरने वाले यात्री अपने पर्स या बैग में बम रख कर घर ले जाते हैं।
जिसे बम लगाना होगा वो बम लेकर गाड़ी में चढ़ता है उतरता नहीं है लेकिन ये चूतिये ऐसा करते है कि सिर्फ़ उतरने वालों का सामान जांच कर सक्रियता का झूठा प्रदर्शन करते रहो और इसी बहाने जिन्हें जल्दी है उन व्यापारियों से कुछ मालपानी ही झाड़ लिया जाए। ये ढक्कन इसलिये ऐसा करते हैं कि कहीं अगर सचमुच कोई आतंकवादी लोकल में बम रखने के लिये ले जा रहा हो उसे ये पकड़ लें तो वो तो खुद अपने साथ इन्हें भी उड़ा देगा इसलिये भाई इनकी कार्यप्रणाली ऐसी है कि जब कसाब वगैरह सारा सामान लेकर आ जाएं तब उन्हें न जांचा जाए जब हंगामा करलें तब सक्रियता दिखाई जाए।
मेरा बैग तो जांचने के लिये जितनी बार किसी भी पांडू ने आज तक पूछा कि बैग दिखाओ बैग में क्या है तो बैग खोले बिना ही मेरा जवाब रहता है कि मामूजान ! बैग में बम है लोकल में रखने ले गया था लेकिन मौका नहीं मिला इसलिये वापस घर ले जा रहा हूं कल ट्राई करूंगा और मेरे इस उत्तर पर पांडु भी ढीठता से मुस्कराता हुआ निकल लेने का इशारा कर देता है। जांच जारी है पूरी सक्रियता से कि कहीं आप बम वापस अपने घर तो नहीं ले जा रहे .........

6 comments:

MUFLIS said...

huzoor !!
achhi bhadaas nikali hai aapne
aur wo lafz "chu...." to ....
baap re .....itna gussa ?!?
lekin aapke vichaar mn-neey haiN.
abhivaadan svikaareiN.
---MUFLIS---

mark rai said...

aisi hi hai police...puchna chahiye tab puchhati nahi ...pakdana chahiye tab pakdati nahi ....aapne achha tarika nikala...par dar hai ki koi faayda nahi utha le...

गुफरान सिद्दीकी said...

अरे नहीं डॉक्टर साहब ये क्या कह रहे हैं आप हमारे देश के जिम्मेदार सुरक्षा अधिकारी तो चीख चीख कर बोल रहे हैं की हम हर तरह से तैयार है और आप बोलते हैं की ये सब सुरक्षा कर्मी निकम्मे घुसखोर हैं क्या हमारे जनाब गृह मंत्री भी अँधेरे में हैं क्या जो वो समझ नहीं पारहे हैं की असल में देश इन्ही रिश्वतखोरों की वजह से अवैध वसूली करने वालों की की वजह से हमेशा खतरे में रहता है ............

आपका हमवतन भाई ...गुफरान....अवध पीपुल्स फोरम...फैजाबाद

मनोज द्विवेदी said...

Guruji sachchai yahi hai...hamari vyavstha sir kahane me vishwash karti hai karne me nahi...LEKIN HUM BHADASI TAB LAGE RAHENGE JAB TAB YE SAHI KARNA SURU NAHI KAR DETE..

X-Man said...

डाक्टर साहब एकदम सही कह रहे हैं अधिकतर यही होता है पुलिस वालों को लगता है कि लोग मुंबई के भेंडी बाजार से बम खरीद कर घर ले जा रहे हैं तभी तो उतरने वालों का सामान चैक करते हैं मैंने तो एक और हंसी की बात देखी कि कुर्ला और चेंबूर इलाके में खाली आटॊरिक्शा लेकर जाने वाले ड्राइवर पर पिस्तौल तान कर उसे नीचे उतरवाएंगे दमपट्टी देंगे फिर भगा देंगे मैंने पूछा कि क्यों भाई ऐसा किस लिये करते हो तो पांडू बोलता है कि मोहम्मद भाई इससे "माहौल" बनता है यानि ड्राइवर जाकर चार लोग को बताएगा तो अपराधियों पर पुलिस का दबाव बनेगा न कि पुलिस भौत चौकन्नी है। ये है इनका चौकन्नापन और रही बात मंत्री जी की तो उन्हें तो बयानबाजी करनी है लोकल ट्रेन में वो किधर यात्रा करते हैं हवा तो अपनी तंग रहती है।
जय जय भड़ास

अजय मोहन said...

भाई मान गये कमाल की नजर है आपकी, ये घटना तो रोजाना हम सभी देखते हैं लेकिन इस बारे में सोचा ही नहीं कि ये पांडू लोग लोकल में बैठने जाने वालों को चैक नहीं करते बल्कि उतर कर आने वालों को चैक करते हैं। कुर्ला और चेंबूर ही नहीं ये बात तो मानखुर्द और गोवंडी के कुछ आटॊरिक्शा वालों ने भी बतायी थी कि पांडू लोग क्या चूतियापा कर रहे हैं।
जय जय भड़ास

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