सारे टीवी चैनल आजकल एक बहुत भरमाने वाला काम कर रहे हैं कि किसी भी सवाल को लेकर पड़े वोटों से आंकड़े बना कर प्रतिशत में दर्शाते हैं कि इतने प्रतिशत पक्ष में हैं और इतने प्रतिशत विरोध में। इन ढक्कनों से कहना है कि पूरे देश में अगर तुम्हारे दिये मुद्दे पर मात्र दस(सचमुच मात्र दस ही) लोगों ने वोट करा तब भी तुम प्रतिशत में आंकड़ा बताते हो कि निन्यानबे प्रतिशत लोग पक्ष में हैं और एक प्रतिशत विरोध में। अबे चिरकुटों ये भी तो बताया करो कि कुल कितने लोगों ने वोट करा था और एक मोबाइल से ही कितनी बार वोट करा गया था। क्यों वोटिंग प्रक्रिया की पवित्रता की मइयो करे दे रहे हो? एक बार जिस नंबर से वोट आ गया उसे उस मुद्दे पर दोबारा वोट करने के लिये प्रतिबंधित कर देना चाहिए तब तो समझ में आएगा कि जनता की क्या राय है वरना बंद करो ये चोचले और आम जनता को आंकड़ों का खेल दिखा कर भरमाने का भयानक खेल...
जय जय भड़ास
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