अजमल कसाब जी जो कि मुंबई शहर के पर आतंकी हमला करके १७६ लोगों को मुक्ति दिला कर राष्ट्र दामाद बने हैं हो सकता है कि जिस तरह भारत सरकार उनके साथ व्यवहार कर रही है तो उस सेवा भाव के चलते श्री कसाब जी की अगली मांग हो कि मुंबई की किसी नामचीन अंग्रेजी स्पीकिंग क्लास से बात करके उन्हें तत्काल अंग्रेजी सिखाने के लिये कोचिंग की व्यवस्था करी जाए क्योंकि अब उन्हें अंग्रेजी नहीं समझ में आती। अदालती कार्यवाही में सिर्फ़ अंग्रेजी की गिटपिट में उन्हें बस दो शब्द समझ में आते हैं कसाब और पाकिस्तान.... वैसे कमोबेश हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच जाने वाले किसी भी आम भारतीय की यही हालत होती है जो बेचारा हिंदी या कोई क्षेत्रीय भाषा बोलता है फिर तो उसे बस रगेदा जाता है कानून-कानून खेल कर....धन्य है हमारा संविधान और हमारा हिंदुस्तान जो अब तक राष्ट्रभाषा हिंदी का बाकायदा संवैधानिक तौर पर राजभाषा अधिनियम बना कर मजाक बना रहा है तो अगर कसाब जीजा जी ऐसी कोई मांग कर लें तो क्या आश्चर्य....
जय जय भड़ास
4 comments:
.धन्य है हमारा संविधान और हमारा हिंदुस्तान जो अब तक राष्ट्रभाषा हिंदी का बाकायदा संवैधानिक तौर पर राजभाषा अधिनियम बना कर मजाक बना रहा है........bahut hi chinta ka vishay hai sir....kanun kanun khel me garib logo ki jagah hi nahi bachi hai ..bechaare kinaare khade hai...
भाई रुपेशजी,
सही एवम सटीक व्यग, हमारे लोकतान्त्रिक होने का फायदा भले देशवासियो ने ना लिया हो, पर पाकिस्थानी जरुर उठा रहे है।
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आप अच्छा लिखते है पहली बार यहॉ पहुचा हू। मेरी शुभकामानाऐ कि आप आयुषवेद, एवम ब्लोगवेद मे सफलतम बने। आभार।
जय जिनेन्द्र॥।
* * * * * VERY GOOD,
आदरणीय महावीर जी
सादर धन्यवाद आपकी हौसला अफ़जाई के लिये भड़ास परिवार आपका आभारी है
जय जय भड़ास
accha vyang hain! Bharat sarkaar ki susti aur lachaari par
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