अतीत का पन्ना...........
पता नही आपको सुन कर कैसा लगे मगर हर किसी का अतीत होता है, वो अतीत जो उसका बुनियाद होता है।
भड़ास की भी कुछ बुनियाद है जिसे क्रांती की आवाज कहते हैं,
विचारों की क्रांती......
और विचारों को क्रांती में परिवर्तन करने का संकल्प यानी की भड़ास।
सिर्फ़ नाम नही..... शब्द नही .... आवाज नही बल्की कुछ कर गुजरने की तमन्ना,
हसरत की लोगों के लिए कुछ कर जाएँ.... समाज को कुछ दे जाएँ......... देश के लिए मर जाएँ ......
और ये भावना ही हमें भडासी बनाता है।
ये अतीत है जब हम सब भडासी थे, हम आज भी हैं बस कुछ ने भड़ास को बेच दिया कुछ ने आत्म ह्त्या कर ली और कुछ भाग गए, कुछ भेडचाल में भीड़ के साथ हो लिए मगर भड़ास का कारवां अपने राह पर आगे को बढ़ता गया। कुछ ने नाम बदला कुछ ने नाम के बदले दाम लिए तो कुछ ने भडासी का ही सौदा करना चाहा मगर भड़ास आज भी क्रांति के पथ पर सतत अग्रसर है।
इस अतीत के पन्ने के बहाने आप दर्शन करें कुछ उन भड़ास की जो बाकायदा हम ले आए हैं बनिए को धनिया बो के।
बस एक दर्शन भड़ास का कड़ी के रूप में आपके सामने आता रहेगा......
जय जय भड़ास
1 comment:
अग्नि बेटा तुमने काफ़ी मेहनत करी है भड़ासियों का पुराना माल समेटने में जो कि एक चिरकुट चिंदीचोर लाला किस्म मे आदमी ने दबा रखा था। अच्छा लग रहा है ज्यों की त्यों पोस्ट्स पढ़ने में....
जय जय भड़ास
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