आने वाले समय में करीब दो साल बाद NET या ऐसे ही किसी इम्तहान में सामान्य ज्ञान की परीक्षा में कुछ इस तरह का प्रश्न होगा----
इनमें से भिन्न क्या है?
१) रामदेव गुरू
२) आसाराम बापू गुरू
३) अफ़जल गुरू
४) मुरारी बापू गुरू
कैसा लगा आप सबको ये सवाल? भारत की आम जनता की भूल जाने की विशिष्टता के चलते इस तरह के सवाल जन्मते रहेंगे। किसी को याद है कि कामा अस्पताल के बाहर एक बुर्के वाली औरत ने भी फ़ायरिंग करी थी और आतंकवादी मराठी में बात कर रहे थे? अखबारों ने खबर में क्रिकेट की खबरें देना शुरू कर दी और शाहरुख खान की खरीदी हुई टीम के चर्चे करना छापा बस जनता भूल गयी सब कुछ......। बस अब जब आगे कुछ होगा तो याद कर लेंगे अब क्या जिंदगी भर कसाब या अफ़जल की ही चर्चा करते रहें या तेलगी की ही बात करें? भूल जाओ यार मजे करो....क्रिकेट देखो
जय जय भड़ास
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