आज जब मैंने हमारी शमा दी’ को फोन करके बस यूं ही हाल जानना चाहा तो उनका फोन रिसीव ही न हुआ। मुझे लगा कि शायद किसी काम में व्यस्त होंगी तो बाद में फोन कर लूंगा लेकिन करीब एक घंटे बाद उनका फोन आया। उनसे बात करने पर उनकी आवाज से साफ़ पता चल रहा था कि वे स्वस्थ नहीं हैं जब कई बार पूछा तब उन्होंने बताया कि वे सचमुच बीमार हैं लेकिन उनकी करुणा और प्रेम इस स्तर का है कि बीमारी हालत में लापता बच्चों सतीश देवाडिगा और रफ़ीउद्दीन की जानकारी लेने के लिये मुंबई चली आयीं। अब जब वे मुंबई में ही हैं और अस्वस्थ हैं तो भड़ास परिवार का फर्ज़ है कि उन्हें मिलने अवश्य जाए ताकि परिवार का प्रेम अधिक मुखर हो कर सबके सामने आए। मैं खुद शाम को उनसे मिलने सांताक्रुज जा रहा हूं। आप लोग उन्हें फोन न करें क्योंकि अभी डाक्टर ने उन्हें इंजेक्शन दिया है और वे आराम कर रही हैं इसलिये मैं भी शाम को जा रहा हूं। आने के बाद मैं स्वयं उनके स्वास्थ्य की सूचना आप सबको दूंगा।
जय जय भड़ास
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