इसरो ने आज जासूसी उपग्रह रिसैट (आईएसएटी) का सफल प्रक्षेपण किया है जिससे देश की सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूती मिलेगी.इसराइल की मदद से डिज़ाइन किए गए इस उपग्रह रिसैट को सुबह श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी 12 के ज़रिए अंतरिक्ष में भेजा गया।
रिसैट यानी रडार इमेजिंग सेटेलाइट के साथ पीएसएलवी में एक 40 किलो का छोटा उपग्रह अनुसैट ( एएनयूएसएट) भी. क़रीब 300 किलोग्राम का रिसैट रात और दिन में तस्वीरें खींचने में सक्षम है. इतना ही नहीं रिसैट हर मौसम में काम कर सकता है।
दूसरी तरफ अनुसैट भारत में यूनिवर्सिटी छात्रों का बनाया पहला उपग्रह है जो संदेश जमा करने और भेजने का काम करता है. रिसैट की मदद से पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान के पहाड़ी इलाक़ों पर नज़र रखने में भारत को सुविधा होगी।
रिसैट का डिज़ाईन बनाने में इसराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ ने मदद की है और यह सेटेलाइट घने बादलों, बारिश, बर्फबारी और कोहरे में भी अच्छी तस्वीरें खींच सकता है।
माना जा रहा है कि रिसैट का इस्तेमाल मानचित्र बनाने, प्राकृतिक आपदाओं पर नज़र रखने और समुद्रों के सर्वे में किया जाएगा. इससे जंगलों में बने कैंपों पर भी नज़र रखी जा सकेगी।
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