पृथ्वी-2 मिसाइल
देश में विकसित इस मोसाइल को एक मोबाइल लांचर से सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर छोड़ा गया था...ये परीक्षण अंतिम उपयोगकर्ता सेना ने किया है.
पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र के पूरे रास्ते की निगरानी राडार और दूसरे अत्याधुनिक उपकरणों के जरिये की गई...बंगाल की खाड़ी में प्रहार स्थल के निकट नौसेना का एक युद्धपोत भी परीक्षण की सफलता आंकने के लिये मौजूद था। इन आंकड़ों का इस्तेमाल विश्लेषण करने में किया जायेगा.
सतह से सतह में मार करने वाली पृथ्वी पहले ही सेना में शामिल की जा चुकी है और ये परीक्षण थलसेना ने ही किया है.
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