अगर किसी ने साहसिक हिम्मत करके पत्र्कारिते को साबित करने की कोशिश की तो इस बाबा ने अपनी शक्ती का इस्तेमाल कर पत्रिका को ही बाजार से उठवालियाजी हाँ मैं बात कर रहा हूँ दिल्ली से प्रकाशित हिन्दी साप्ताहिक इंडिया न्यूज़ की। वंदना भदौरिया की इस खोजपरक रिपोर्ट जिस पर तहलका मच सकता था का यह अंक शत प्रतिशत बिका मगर आन लोगों के पास गया ही नही,
भड़ास मीडिया कुकृत्यों की भर्त्सना करने के साथ साथ जहाँ आवाज भी बुलंद करता है वहीँ सच्चाई के साथ किए गए पत्रकारिता के लिए लड़ता भी है।
इस ढोंगी ने भले ही इस पत्रका को बाजार से गायब कर दिया हो मगर भड़ास इस पत्रिका के इस विशेष लेख को पाठकों तक पहुँचने की जिम्मेदारी लेता है।
आप इसे पढिये और अगले पोस्ट में इस से आगे के लेख का इन्तजार कीजिये।
जय हिंद
जय भारत
जय जय भड़ास
9 comments:
अग्नि बेटा, अभी तो कहानी बहुत बाकी है इन महाधूर्तों की लेकिन वंदना बहन का प्रयास असफल नहीं रहा हमारे आजादी बचाओ आंदोलन वाले मित्रों ने इसकी प्रतियां कमसे कम पचास हजार लोगों तक तो पहुंचा ही दी है। तुम पेले रहो
जय जय भड़ास
बढिया प्रयास है,
आप बधाई के पात्र हैं,
सच्चाई सामने आनी ही चाहिए
जय जय भड़ास
बढ़िया कोशिश , सच को सामने आना ही होगा
मैं सोचती थी कि ये आदमी कामेडियन है लेकिन आप बता रहें हैं कि ये तो एक नंबर का ......
जय जय भड़ास
not able to read.. letter are very small..
टेक्स्ट के रूप में डालते तो ज्यादा सार्थक होता.
दुसरी तस्वीर छोटी है. जाँच कर दुबारा लगाओ.
wakai sachhai aage aani hi chahiye
किसी संगठन मे विवाद है सिर्फ इतनी बात से मै बाबा रामदेव को दोषी नही मानता । बाबा ने आम लोगो को स्वस्थ बनाने के लिए एक क्रांति की है और यह काम सेवा-भाव से किया गया इसलिए वह सफल भी हुए । अगर ट्रष्ट मे होने वाले लाभ को परिवार के सद्स्य बांट रहे है तो उसे उजागर किया जाना चाहिए।
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