जब चार्ल्स शोभराज से उसकी नातिन की उम्र की लड़की ने शादी करी और दुनिया भर में फोकट की प्रसिद्धि पा ली तो मेरे भी दिमाग में एक विचार आया कि ये सब तो चलता है। यानि कि कुल मिला कर ना उम्र की सीमा हो ना जन्म का हो बंधन जब प्यार करे कोई तो देखे केवल धन( क्षमा करें शायद यहां "मन" है)। मैं खूब सोच चुकी हुं कि कसाब का भारत सरकार कुछ नहीं बिगाड़ सकती क्योंकि मेरा प्यार उसके साथ है। अगर उसने दो चार हजार लोगों को भी पेल दिया होता तो भी उसका कुछ बुरा न होता। भारत सरकार उसे दामाद बना कर रखे है मुझे बड़ी खुशी होती है ये सब देख कर। जल्द ही बकरीद आने वाली है तो प्यारे अजमल्लू क्या तुम बकरा काटोगे या कोई जेल का कर्मचारी ये अपने वकील के द्वारा सरकार को बता देना ताकि जुगाड़ बनाई जा सके। ये सब निपट जाए तो मैं अभी से "कुबूल है...कुबूल है...कुबूल है.... कह रही हूं तुम बस एक बार हां तो कहो। जैसे तुम हैंडसम हो वैसे मैं भी कम नहीं हूं चलता-फिरता एटम बम हूं। अगर तुम मुझे मुंबई लेकर आ जाते तो गोलियां बर्बाद न करनी पड़ती चार-छह हजार तो वैसे ही मर जाते। तुम जल्दी से भड़ास पर अपनी हामी भेजो ताकि भड़ासियों के सामने मैं तुम्हारी दुल्हन बन सकूं। हनीमून अलग मनाएंगे उसके बारे में बाद में बात कर लेंगे।
तुम्हारी
would be begum
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