योग गुरु से शुरू हुआ इस पाखंडी का सफर अपने महत्वाकांक्षा के परवान चढ़ते चढ़ते आज इस मुकाम पर आ गया है की इसकी महत्वाकांक्षा ने इसे योग से दूर और अपने स्वहित में राष्ट व्यवसाय में लिप्त एक ऐसे बाबा का रूप ले लिए है जो अपने मूल मन्त्र से इतर हिन्दुस्तानियों की भावनाओं का व्यवसायी बना दिया है।
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इस खोजी पत्रकारिता करने वाली वंदना भदौरिया को भड़ास परिवार बधाई देता है और संग ही सच को सामने लेन वाले इस टीम के मुखिया सुधीर सक्सेना जी को उनकी तेम के प्रति विश्वास के लिए आभार व्यक्त करती है।
इस ढोंगी बाबा रामदेव से जुड़े किसी भी प्रकार के शंका निवारण के लिए आप अग्निबाण को मेल कर सकते हैं (agnibaan@gmail.com)
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