अमृतसर में विरासती गाँव का निर्माण


जेल व पर्यटन मंत्री मंत्री हीरा सिंह गाबड़िया ने कहा कि गुरु की नगरी अमृतसर व सुल्तानपुर लोधी को सैलानियों
का आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए पंजाब सरकार ने 350 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है। इसके अंतर्गत अमृतसर में विरासती गांव का निर्माण भी किया जाएगा।

जिला शिकायत निवारण कमेटी की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में बागड़िया ने बताया कि योजना के तहत अमृतसर के रामबाग इलाके व टाउन हाल इमारत का सौंदर्यीकरण, श्री दरबार साहिब के सामने पर्यटकों के लिए मिनी शॉपिंग मार्कीट, ऐतिहासिक गेटों, किला गोबिंदगढ़ के रख रखाव के साथ साथ गुरु नगरी को पर्यटन स्थल के ढांचे के तौर पर विकसित किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि अमृतसर को विश्व का नंबर एक पर्यटन स्थल बनाने की तजवीज है। ऐसे ही अमृतसर अटारी मार्ग पर विरासती गांव स्थापित किया जाएगा। इस दौरान बैठक में पहुंची 10 शिकायतों पर विचार-विमर्श किया गया। इसमें से 8 शिकायतों का मौके पर निपटारा कर दिया गया।


गाबड़िया ने बिजली बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आने वाले समय में वे गोइंदवाल साहिब पॉवर स्टेशन से बिजली जिले के हर कोने में पहुंचाने के लिए ग्रिड स्थापित करने संबंधी अपनी रिपोर्ट भेंजे। उन्होंने डीसी से कहा कि सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों पर अंकुश लगाया जाए। इसके लिए जिला स्तरीय कमेटी बनाई जाए।


उन्होंने छह महीने के भीतर शहर में स्लाटर हाऊस बनाने के निर्देश भी दिए। इस बीच, तारा सिंह खेहरा ने मंत्री से अफसर कालोनी में बुनियादी सहूलियतों की कमी,सड़कों की निशानदेही, तरनतारन बाइपास पर हो रही दुर्घटनाओं, जंडियाला चौक बाइपास को खुला करने, सरकारी एलीमैंटरी स्कूल गार्द रोड व नूरदी रोड की इमारतों के निर्माण की मांग। इस पर गाबड़िया ने अधिकारियों को शिकायतों का तुरंत निपटारा करने के निर्देश दिए।


उन्होंने डीसी से शिकायत निवारण कमेटी के सदस्यों के पहचान पत्र बनाने को कहा। इस दौरान एडीसी (ज) इंद्रयश भट्टी, एसडीएम एस प्रभाकर, जिला भलाई अफसर मंजीत सिंह, डीएसएसओ नरिंदरजीत सिंह, एसएसपी सुखदेव सिंह बराड़, जिला खेतीबाड़ी अफसर मनोहर सिंह, पशू पालन विभाग के डिप्टी डायरैक्टर पीके गांधी, जिला खजाना अफसर मदन लाल व डीईओ (स) डीके माहिया आदि मौजूद थे।

1 comment:

निर्मला कपिला said...

कुसुम जी खबर तो अच्छी है मगर 350 करोड मे से गाँव पर कितने लगेंगे। बस नेता लोग बुनियादी जरूरतों पर खरच करने से परहेज़ करते हैं ऐसे प्रोजेक्ट बनाते हैं यहाँ आम जनता उनसे हिसाब न पूछ सके। पहले शह्र की मूलभूत स्मस्यायों पर काम होना चाहिये था। धन्यवाद्

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