आम जनों की आवाज और लोकतंत्र के चारो पायों की दीमक के ख़िलाफ़ जंग में अग्रणी पोर्टल भड़ास धीरे धीरे आम के लिए आसान होता जा रहा है। भड़ास चाहता है की आम लोग अपने मन की भड़ास बिना किसी बंधन के बाध्यता के साथ निकालें, जिसमें सदस्यता का बंधन ना हों, सम्पादन की समस्या से उन्मुक्त रहें और समाज के प्रति नैतिक चेतना जागृति में स्वतंत्र होकर सब के प्रति भड़ास निकाल सकें।
भड़ास के मोडरेटर ने इसके लिए कोशिशें जारी रखी हैं, अब आप सीधे भड़ास पर पोस्ट डालें ना किसी सदस्यता की समस्या ना किसी को मेल करना की मुझे सदस्य बना लो।
भड़ास के यु आर एल को भी आसन कर दिया गया है जिस से की आप लंबे पते के बजाय छोटे पते से इसे खोलें और पढ़ें।
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तकनिकी रूप से भड़ास को आमलोगों के लिए आसन बनाने के लिए भड़ास के माडरेटर को साधुवाद।
जय जय भड़ास।
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