चलिए भाई फिर से आ गया १५ अगस्त लेकिन ये तो हर साल आता रहेगा और हम अब सिर्फ ओपचारिकता निभाते रहेंगे आज तिरंगे खूब बिकेंगे पूरा देश केसरी सफ़ेद हरा हो जायेगा लेकिन १६ अगस्त को याद भी नहीं रहेगा की कल क्या था और क्यूँ था और फिर वही डॉक्टर साहब की तरह हर भडासी सड़कों पर पड़े तिरंगे बिनता नज़र आयेगा क्या सिर्फ स्कूल कॉलेजों तक ही सीमित रह गया है ये आज़ादी का पर्व कुछ लोगों को ये ख़ुशी होती है की चलो यार एक छुट्टी मिली बच्चों को लड्डू देने के बहाने स्कूल बुलाया जाता है लेकिन शायद ही ये ज़िम्मेदारी कोई समझे की वास्तव में इस दिन का महत्व इन्ही बच्चों को बताना ज़रूरी है जो देश का आने वाला भविष्य हैं लेकिन जब आज़ादी का पर्व छुट्टी लगने लगे तो हमें समझ लेना चाहिए की अभी असली आज़ादी मिलनी बाकी है (कुछ तथाकथित राजनितिक घरानों पार्टियों से).क्या हम अपने देश को ध्यान में रखते हुए कोई संकल्प लेते हैं आज के दिन शायद नहीं मैंने पिछली बार लिया था लेकिन कोताही हो गयी मैंने संकल्प लिया था १००० पौधे लगाने का लेकिन क्या करूँ ४३७ ही लगा सका और उसमे भी मेरे सरे दोस्तों में खूब मदद की मुझे याद है अभी भी हम फ़ोन पर बातें करते हैं और अपनी उधारी याद करते रहते हैं लेकिन उस्हरी चुकता नहीं कर प् रहे हैं तो इस बार उधारी चुकता करने का संकल्प लेता हूँ और अगले १५ अगस्त तक १००० का आंकडा पूरा कर लूँगा आप सभी का आशीर्वाद मिला तो.......
आपका हमवतन भाई ..गुफरान...अवध पीपुल्स फोरम फैजाबाद...
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