भुवनेश्वर राजधानी के यात्री बाल बाल बचे !!

भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में सवार यात्री उस समय बाल-बाल बच गए, जब माओवादियों द्वारा बिहार के गया रेलवे स्टेशन के पास किए गए धमाके से ट्रेन के इंजन समेत दस डिब्बे पटरी से उतर गए।

पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना सोमवार देर रात पश्चिम मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले गया-मुगलसराय अनुभाग के कास्ता और परैया स्टेशनों के बीच हुई।

रेलवे सूत्रों ने बताया कि मध्य रात्रि से दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों को क्रेनों द्वारा हटाने का काम जारी है, जिससे इस अनुभाग में रेल यातायात बाधित हुआ है। उन्होंने कहा कि यात्रियों को एक अन्य ट्रेन द्वारा मुगलसराय ले जाया गया है, जहां से उन्हें नई दिल्ली भेजने के लिए एक विशेष रेल की व्यवस्था की गई है।

जिला पुलिस अधीक्षक सुशील खोपडे़ ने बताया कि कास्ता और परैया स्टेशनों के बीच पटरी पर रखा विस्फोटक इस रेल के गया स्टेशन छोड़ने के थोड़ी देर बाद ही फट गया। उन्होंने बताया कि राहत रेल के साथ मेडिकल टीम को भी घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया है।

खोपड़े ने बताया कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है। उन्होंने साथ ही बताया कि पटरी से उतरने वाले डिब्बे पलटे नहीं, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ ।

उल्लेखनीय है कि धमाके से 2445 अप भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस का इंजन और दस डिब्बे पटरी से उतर गए। माओवादियों द्वारा किया गया यह विस्फोट बिहार सहित सात राज्यों में 48 घंटों के बंद के आह्वान के मद्देनजर किया गया था, जो सोमवार से शुरू हुआ है।

सूत्रों ने बताया कि इस दुर्घटना की वजह से 42 से भी ज्यादा ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है और नई दिल्ली हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस जैसी कई महत्वपूर्ण रेलों को मुगलसराय से पटना भेजा जा रहा है। अन्य महत्वपूर्ण रेल जिनके मार्ग बदले गए हैं उनमें नई दिल्ली-सियालदाह राजधानी एक्सप्रेस, कालका एक्सप्रेस और शक्तिपुंज एक्सप्रेस शामिल हैं। इस मंडल में जारी राहत कार्य की वजह से कुछ स्थानीय रेलों को रद्द कर दिया गया है।

पुलिस को माओवादियों का एक पत्र मिला है, जिसमें इस धमाके की जिम्मेदारी लेने का दावा किया गया है। सीपीआई (माओवादी) द्वारा उनके खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन ग्रीन हंट का विरोध करते हुए बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के तीन जिलों में 48 घंटे के बंद का आह्वान किया गया था।

सूत्रों के अनुसार, धमाके में जिन डिब्बों को नुकसान पहुंचा है उनकी मरम्मत करने के लिए रेलवे इंजीनियरों को लगाया गया है। पटरी से उतरे 10 में से एक डिब्बे डी-3 में सफर कर रहे यात्री संजय सारोगी ने बताया कि इस घटना में कोई भी यात्री हताहत नहीं हुआ है।

गया स्टेशन से 15 किमी दूर घटनास्थल पर ही उन्होंने बताया कि हमने धमाके की आवाज सुनी, लेकिन मेरी जानकारी में इसमें कोई भी यात्री हताहत नहीं हुआ है।

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