कैसा अजीब लगता है कि बराक ओबामा अमेरिका को धमकी और चेतावनी दे। दुनिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र प्रमुख अपने ही राष्ट्र को धमकी दे दे।
ये संभव हो या ना हो मगर हमारे देश कि मीडिया कुछ भी करने और करवाने में सक्षम है। लापरवाही और जवाबदेही से इतर मारामारी की व्यावसायिकता ने मानो पत्रकारिता को सरेआम चौक पर खड़ा कर नंगा कर दिया हो।
तस्वीर पर क्लिक कर के उसे बड़ा करें। सहारा समय ने अपने वेब साईट पर ओबामा और ओसामा के फर्क को चुटकी में ख़तम कर हमारे देसज पत्रकारिता को शर्मशार कर दिया। ये कल की लगी खबर आज तक साईट पर चमक रही है, ना ही लिखने वाले ने देखा ना ही सम्पादन और ना ही सम्पादक की नजर।
चेत जाओ क्यूँकी कभी ऎसी खबर हमारे देश के बारे में भी हो सकती है कि "मनमोहन ने लश्कर से हाथ मिलाया" या फिर "राहुल ने मायावती को धमकाया" या फिर "भारतीय रक्षा मंत्री ने संसद में बम रखा"। और इस तरह कि खबर हमारी मीडिया कभी भी दे सकती है।
1 comment:
भाई क्षमा करें आप पर आरोप लगाया जा सकता है कि आपने इतने नामचीन मीडिया हाउस पर इस तरह का आक्षेप करा है और सजा भी हो सकती है,ये लोग इस तरह की हरकतों के लिये अधिकृत हैं तभी तो इनके खिलाफ़ कोई कार्यवाही नहीं होती....
जय जय भड़ास
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