दोहे और उक्तियाँ !!


इस नश्वर शरीर के लिए कोई मोह नहीं करना चाहिए।

 इस शरीर के साथ संबंध जोड़ना तुम्हारे बंधन या मनुष्य-जीवनगत सभी दुखों और कष्टों का मूल कारण है। 

 इस शरीर के दास न बनो, यह हर समय तुम्हारी आज्ञाओं का पालन करे, न कि तुम इसकी।

 न्यायपूर्वक कार्य तथा लोकोपकार के लिए शरीर को समर्पण करने के लए सदा सन्नद्ध रहें।

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