इस नश्वर शरीर के लिए कोई मोह नहीं करना चाहिए।
इस शरीर के साथ संबंध जोड़ना तुम्हारे बंधन या मनुष्य-जीवनगत सभी दुखों और कष्टों का मूल कारण है।
इस शरीर के दास न बनो, यह हर समय तुम्हारी आज्ञाओं का पालन करे, न कि तुम इसकी।
न्यायपूर्वक कार्य तथा लोकोपकार के लिए शरीर को समर्पण करने के लए सदा सन्नद्ध रहें।
~~~~~
No comments:
Post a Comment