कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सोमवार को राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। लाभ के पद को लेकर उठे विवाद के बाद सोनिया ने चार साल पहले इस पद से इस्तीफा दे दिया था।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सोनिया का दर्जा कैबिनेट मंत्री का होगा और उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी। सोनिया संप्रग की अध्यक्ष भी हैं।
सोनिया गांधी का कार्यकाल राष्ट्रीय सलाहकार परिषद से जुड़ा होगा। सोनिया गांधी परिषद के अन्य सदस्यों को मनोनीत करेंगी। उन सदस्यों का कार्यकाल उनकी नियुक्ति के दिन से एक साल का होगा और इस कार्यकाल का विस्तार किया जा सकता है।
प्रवक्ता ने बताया कि विशेष प्रावधानों के तहत परिषद के सदस्य के रूप में नियुक्त किये जाने वाले सांसद परिषद से कोई वेतन भत्ता आदि नहीं ले सकते।
यह परिषद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ही परिकल्पना थी। वर्ष 2004 में संप्रग सरकार जब सत्ता में आयी थी तो पहली बार इसका गठन किया गया था।
लाभ के पद को लेकर उठे विवाद के बाद सोनिया गांधी ने 23 मार्च 2006 को परिषद से और साथ ही लोकसभा की अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उसी साल 15 मई को वह दोबारा रायबरेली से लोकसभा के लिए चुन ली गई।
पहली बार गठित इस परिषद का कार्यकाल 31 मार्च 2008 को समाप्त हुआ था।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सोनिया का दर्जा कैबिनेट मंत्री का होगा और उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी। सोनिया संप्रग की अध्यक्ष भी हैं।
सोनिया गांधी का कार्यकाल राष्ट्रीय सलाहकार परिषद से जुड़ा होगा। सोनिया गांधी परिषद के अन्य सदस्यों को मनोनीत करेंगी। उन सदस्यों का कार्यकाल उनकी नियुक्ति के दिन से एक साल का होगा और इस कार्यकाल का विस्तार किया जा सकता है।
प्रवक्ता ने बताया कि विशेष प्रावधानों के तहत परिषद के सदस्य के रूप में नियुक्त किये जाने वाले सांसद परिषद से कोई वेतन भत्ता आदि नहीं ले सकते।
यह परिषद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ही परिकल्पना थी। वर्ष 2004 में संप्रग सरकार जब सत्ता में आयी थी तो पहली बार इसका गठन किया गया था।
लाभ के पद को लेकर उठे विवाद के बाद सोनिया गांधी ने 23 मार्च 2006 को परिषद से और साथ ही लोकसभा की अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उसी साल 15 मई को वह दोबारा रायबरेली से लोकसभा के लिए चुन ली गई।
पहली बार गठित इस परिषद का कार्यकाल 31 मार्च 2008 को समाप्त हुआ था।
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