अभियंता सत्येन्द्र दुबे के हत्यारों को आजीवन कारावास !!

बिहार में पटना की एक त्वरित अदालत ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अभियंता और प्रधानमंत्री स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क योजना के परियोजना पदाधिकारी सतेन्द्र दुबे की हत्या के मामले में शनिवार को तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
त्वरित अदालत संख्या पांच के न्यायाधीश राघवेन्द्र कुमार सिंह ने मामले में सुनवाई के बाद गया जिले के चंदौली थाना क्षेत्र के कटारी गांव निवासी मंटू कुमार उदय कुमार और पिंकू रविदास को लूट के दौरान दुबे की हत्या करने का दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है।
आरोप के अनुसार 27 नवंबर 2003 को तडके गया जिले के रामपुर थाना क्षेत्र में परिसदन के नजदीक दोषियों ने लूटपाट के दौरान अभियंता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई ने की थी।
परियोजना इंजीनियर दुबे ने निर्माण परियोजना में बड़े स्तर पर नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर किया था। 27 नवंबर 2003 को तड़के गया गेस्ट हाउस के सामने उन्हें गोली मार दी गयी, जिस समय वह वाराणसी से लौटकर ट्रेन से उतरने के बाद अपने घर जा रहे थे।
सत्येंद्र दुबे ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी को सीधे तौर पर पत्र लिखकर निर्माण परियोजना में वित्तीय तथा ठेके संबंधी अनियमितताओं की जानकारी दी थी।
दुबे की हत्या के बाद पूरे देश में प्रदर्शन हुए और इस तरह भ्रष्टाचार उजागर करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए विधेयक लाने की मांग उठी।
मामले में सीबीआई ने 14 दिसंबर 2003 को पुलिस से जांच अपने हाथ में ले ली थी। सीबीआई ने इस मामले में तीन सितंबर 2004 को आरोपपत्र दाखिल किया।
जांच के दौरान सीबीआई ने गया, बिहार के कटारी गांव में रहने वाले मंटू, उदय, पिंकू और श्रवण कुमार को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने नयी दिल्ली में एक वक्तव्य में कहा कि वे सभी 26-27 नवंबर 2003 की दरमियानी रात को गेस्ट हाउस, गया के पास इकट्ठे हुए थे। 27 नवंबर को तड़के करीब साढ़े तीन बजे दुबे एक साइकिल रिक्शा में गेस्ट हाउस के सामने से गुजर रहे थे, तभी आरोपियों ने उनसे कीमती सामान लूटा और इस दौरान हुई झड़प में मंटू ने 315 बोर के देसी तमंचे से उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।
सीबीआई ने कहा कि दुबे का एक ब्रीफकेस एक सुनसान कुएं से मिला, जिसमें उनके पहचान पत्र समेत अन्य सामान था और जांच के दौरान देसी तमंचा भी मिला।
एजेंसी ने कहा कि श्रवण ने घटना के बारे में स्वेच्छा से पूरी जानकारी दी।

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